प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के सीदी सैय्यद मस्जिद दौरे पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सख्त नाराजगी जताई है. महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम को भारतीय संस्कृति के खिलाफ करार दिया है और कहा है कि 125 करोड़ हिंदू इसे माफ नहीं करेंगे. भारतीय प्रधानमंत्री के इस कदम से हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है.
महासभा के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि जापानी प्रधानमंत्री को सीदी सैय्यद मस्जिद की जगह सोमनाथ मंदिर, द्वारका एवं ज्योतिर्लिंग का दर्शन कराना चाहिए था. शर्मा ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है. हिंदू राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान है. शिव, राम और कृष्ण हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं.
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उन्होंने कहा है कि जापान के प्रधानमंत्री को गुजरात में स्थित हिंदू देवी देवताओं के भव्य मंदिरों का दर्शन कराना चाहिए था. लेकिन, ऐसा न करके भारतीय प्रधानमंत्री ने हिंदू विरोधी और भारतीय विरोधी और भारतीय संस्कृति का विरोध करने का काम किया है.
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह कदम उठाया है. प्रधानमंत्री का यह कदम अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का एक हिस्सा है. हिंदू महासभा नेता ने कहा कि अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के कारण ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दुर्गति हुई है. शर्मा ने कहा कि अगर ऐसे ही तुष्टिकरण बीजेपी सरकार भी करती रहेगी तो बीजेपी को मिटने में और कम समय लगेगा.
बता दें कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बुधवार को अपने दो दिवसीय भारत दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए गर्मजोशी से स्वागत के साथ की. इसके बाद दोनों नेता रोड शो करते हुए महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम और अहमदाबाद की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती प्रतिष्ठित सिदी सैयद मस्जिद पहुंचे.
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दोनों नेताओं ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से एक खुली जीप में साबरमती आश्रम के शांत माहौल में आठ किलोमीटर की यात्रा की, जहां उन्होंने जापान की प्रथम महिला अकी आबे के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.