सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि अगर चीन ताकतवर है, तो हम भी कमजोर नहीं हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के मुद्दे पर जनरल रावत ने कहा कि वहां से मिल रही परमाणु धमकी महज भभकी है। सेना दिवस से पहले सेना प्रमुख ने शुक्रवार को राजधानी में एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘यह सही है कि चीन ताकत दिखा रहा है और दबाव डाल रहा है। हम चीन के साथ विवाद को आगे नहीं बढ़ने देंगे, लेकिन अपने क्षेत्र पर हमला या अतिक्रमण भी नहीं होने देंगे।’
सेना प्रमुख ने कहा, ‘चीन से लगे इलाके में हमारी गतिविधियां बढ़ी हैं, इसलिए उसकी सेनाओं से हमारा सामना भी बढ़ा है। हालांकि, लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर मतभेद के मामलों को सुलझाने के लिए हमारे पास बेहतरीन व्यवस्था है। इसी के जरिए हाल में अरुणाचल प्रदेश के टूटिंग में रोड बनाने का मामला सुलझा लिया गया, लेकिन हमें भविष्य में सतर्क रहना होगा। डोकलाम में हमारा प्रयास था कि यह टकराव न बढ़े और उसी सेक्टर तक सीमित रहे, लेकिन तैयारी जारी थी। हमने जो बुलेटप्रूफ हेल्मेट मंगाए थे, वे सबसे पहले वहां तैनात सैनिकों के पास भेजे थे।’ इसके अलावा जनरल रावत ने कहा, ‘चीनी सैनिक पीछे जमे हुए हैं, लेकिन उनकी गतिविधियां पहले जैसी नहीं हैं। उनके लोगों की संख्या कम हो गई है। हो सकता है कि यह सर्दी के कारण हो और सर्दी के बाद वे फिर लौटें, लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं।’
चीन से खतरे पर जनरल रावत ने कहा कि इससे सेना अकेले नहीं निपट रही है, बल्कि सरकारी स्तर पर भी जुड़ाव कायम किया जा रहा है। भारत और चीन हॉट-लाइन की तैयारी कर रहे हैं और यह जल्द ही यह सामने आएगी। दो मोर्चों की जंग के मसले पर जनरल ने कहा, ‘हमारे पास इसके लिए प्लान है। एक साल में हमने अपने आप को काफी अपग्रेड किया है। हमें पश्चिमी सीमा के मुकाबले उत्तरी सीमा पर फोकस करना चाहिए। उत्तरी सीमा पर भौगोलिक रूप से हमें लाभ हासिल है। सबसे जरूरी बात यह है कि पड़ोसी देशों को अलग न होने दिया जाए।’
‘डर्टी वॉर से निपटने की तैयारी’
जनरल रावत ने कहा कि हम इस बात को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाने से नहीं हिचकेंगे कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर सीजफायर टूटने के मामले में जनरल ने कहा, ‘हमारे यहां जितनी कैजुअल्टी हुई हैं, पाकिस्तान की ओर 3 से 4 गुना ज्यादा कैजुअल्टी हुई हैं। तभी पाकिस्तान की ओर से बार-बार यह संदेश आ रहा है कि 2003 में हुई सीजफायर की स्थिति को कायम किया जाए।’ उन्होंने कहा कि पाक को सीमापार आतंकवाद के मामले में चीन का सीधा सपॉर्ट होने के संकेत नहीं मिले हैं। पाकिस्तानी सेना के लोगों को चीन में जैविक हमले की ट्रेनिंग मिलने की रिर्पोटों पर जनरल रावत ने कहा कि हम डर्टी वॉर से निपटने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
जनरल रावत ने कहा, ‘हमारा रुख पाकिस्तानी सेना को दुष्परिणाम महसूस कराना है। जब तक पाकिस्तान दुष्परिणाम महसूस नहीं करता, वह आतंकियों को भेजता रहेगा, जो उनके लिए उपयोग कर फेंकने लायक सामान हैं।’ इसके अलावा सेना प्रमुख ने कहा कि हम पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की बातों को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, ‘अगर हमें वाकई पाकिस्तानियों का सामना करना पड़ा और सीमा पार करने का काम मिला तो हम यह नहीं कहेंगे कि हम सीमा पार नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास परमाणु हथियार हैं। हमें उनकी परमाणु हथियारों की बातों को धता बताना होगा।’