इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ देश में आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। पनामा लीक्स में पीएम नवाज का नाम आने के बाद वे सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे का सामना कर रहे हैं और वह इस मुकदमे को टालने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर सकते हैं।
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इस समय उनके पास वाजिब कारण हैं क्योंकि देश में पिछले पांच दिनों में दस बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं। पीएम नवाज के पास यह अधिकार है कि वे देश के आंतरिक हालातों का हवाला देकर इमरजेंसी की कार्रवाई कर सकते हैं, इससे वे पनामा लीक्स के मामले को भी टालने में सफल हो जाएंगे।
पाकिस्तान के न्यूज चैनल में शुक्रवार को आए कार्यक्रम लाइव विद डॉ शाहिद मसूद में वहां के कानूनविद ने इस बात को बताया है कि पीएम नवाज को यह अधिकार है कि वह आंतरिक हालातों के कारण देश पर इमरजेंसी थोप सकते हैं। डॉ शाहिद मसूद ने इस कार्यक्रम में पूर्व जस्टिस सईद उस्मानी से बात की।
उन्होंने सवाल पूछा कि अगर पीएम नवाज को देश में इमरजेंसी लगानी हो तो उसका तरीका क्या है। इस पर जस्टिस उस्मानी ने कहा कि इमरजेंसी लगाने के लिए देश के आंतरिक या बाहरी हालात खराब हो। इस समय देश के आंतरिक हालात खराब है।
पिछले पांच दिनों में दस हमले हो चुके हैं इसलिए उनके पास अधिकार है कि पीएम आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन उनको इमरजेंसी लगाने के बाद इसको दस दिनों के अंदर संसद के पास जाना होगा। संसद इसको छह महीने से लेकर एक साल तक देश में आपातकाल की अवधि दे सकती है।
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गौरतलब है कि पनामा पेपर्स से यह खुलासा हुआ है कि प्रधानमंत्री और उनके आश्रित लोगों ने विदेशों में कंपनियां खोल रखी हैं। हालांकि पीएम नवाज शरीफ और उनके परिवार ने इन आरोपों का खंडन किया था। इमरान खान के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियां इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही थी।