पत्नी-बेटी की कलह और आभामंडल में कमी के चलते जिंदगी से हारे भय्यूजी महाराज

50 वर्षीय आध्यात्मिक संत भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) आत्महत्या केस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट में पत्नी और बेटी के बीच चल रहे विवाद का मानसिक तनाव, शादी के बाद उनके आभामंडल में आई कमी और साइकोलॉजी प्रॉब्लम को कारण बताया गया है। पुलिस का दावा है कि उन्हें न तो किसी ने धमकाया न उन्हें किसी ने ब्लैकमेल किया। कुछ रिपोर्ट के आने के बाद केस डायरी अफसरों को भेज दी जाएगी। उधर, शनिवार को पुलिस ने एफएसएल से विसरा रिपोर्ट भी प्राप्त कर ली, जिसमें ‘नो पॉइजन’ लिखा हुआ है।

भय्यू महाराज ने 12 जून को सिल्वर स्प्रिंग स्थित बंगले में लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। सीएसपी मनोज रत्नाकर के मुताबिक सुसाइड नोट को आधार मानकर जांच की शुरुआत की गई। सुसाइड नोट में मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या करने का जिक्र है।

पुलिस ने तनाव के कारणों की जांच की और आश्रम (सूर्योदय) के पदाधिकारी, कर्मचारी, सेवादार और परिजन के बयान लिए। जांच में तीन कारण उभर कर आए, जिसका सीएसपी ने रिपोर्ट में उल्लेख किया है। सीएसपी के मुताबिक पुलिस को फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट मिल चुकी है। उसमें किसी तरह का संदेह नहीं रहा। शनिवार को एफएसएल (राऊ) से विसरा रिपोर्ट भी पुलिस के पास पहुंच गई, जिसमें ‘नो पॉइजन’ लिखा हुआ है। स्पष्ट है कि भय्यू महाराज ने आत्महत्या के पूर्व नशा नहीं किया और न ही जहर खाया।

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