राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता भी दे दिया . बता दें कि एनडीए के सहयोगी दलों के भोज से अनुपस्थित रहने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी सुधांशु शंकर शामिल हुए थे .इससे उनकी एनडीए से बढ़ती दूरी को समझा जा सकता है.इसका फायदा उठाते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाह को तुरंत महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया.कहा जा रहा है कि इस निमंत्रण के पीछे राहुल गाँधी का हाथ है. गौरतलब है कि बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम मुलाक़ात हुई थी. सूत्रों की मानें तो दोनों नेता भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमत हो गए हैं.ये दोनों दल कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे सकते हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की ताकत रखते हो.दोनों दलों के बीच बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए विचार विमर्श हुआ है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता भी दे दिया . बता दें कि एनडीए के सहयोगी दलों के भोज से अनुपस्थित रहने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी सुधांशु शंकर शामिल हुए थे .इससे उनकी एनडीए से बढ़ती दूरी को समझा जा सकता है.इसका फायदा उठाते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाह को तुरंत महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया.कहा जा रहा है कि इस निमंत्रण के पीछे राहुल गाँधी का हाथ है. गौरतलब है कि बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम मुलाक़ात हुई थी. सूत्रों की मानें तो दोनों नेता भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमत हो गए हैं.ये दोनों दल कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे सकते हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की ताकत रखते हो.दोनों दलों के बीच बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए विचार विमर्श हुआ है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.

तेजस्वी ने उपेंद्र को दिया गठबंधन में आने का न्यौता

राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता भी दे दिया .राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता भी दे दिया .    बता दें कि एनडीए के सहयोगी दलों के भोज से अनुपस्थित रहने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी सुधांशु शंकर शामिल हुए थे .इससे उनकी एनडीए से बढ़ती दूरी को समझा जा सकता है.इसका फायदा उठाते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाह को तुरंत महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया.कहा जा रहा है कि इस निमंत्रण के पीछे राहुल गाँधी का हाथ है.    गौरतलब है कि बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम मुलाक़ात हुई थी. सूत्रों की मानें तो दोनों नेता भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमत हो गए हैं.ये दोनों दल कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे  सकते हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की ताकत रखते  हो.दोनों दलों के बीच बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए विचार विमर्श हुआ है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता भी दे दिया .    बता दें कि एनडीए के सहयोगी दलों के भोज से अनुपस्थित रहने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी सुधांशु शंकर शामिल हुए थे .इससे उनकी एनडीए से बढ़ती दूरी को समझा जा सकता है.इसका फायदा उठाते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाह को तुरंत महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया.कहा जा रहा है कि इस निमंत्रण के पीछे राहुल गाँधी का हाथ है.    गौरतलब है कि बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम मुलाक़ात हुई थी. सूत्रों की मानें तो दोनों नेता भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमत हो गए हैं.ये दोनों दल कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे  सकते हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की ताकत रखते  हो.दोनों दलों के बीच बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए विचार विमर्श हुआ है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.

बता दें कि एनडीए के सहयोगी दलों के भोज से अनुपस्थित रहने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी सुधांशु शंकर शामिल हुए थे .इससे उनकी एनडीए से बढ़ती दूरी को समझा जा सकता है.इसका फायदा उठाते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाह को तुरंत महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया.कहा जा रहा है कि इस निमंत्रण के पीछे राहुल गाँधी का हाथ है.

गौरतलब है कि बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम मुलाक़ात हुई थी. सूत्रों की मानें तो दोनों नेता भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमत हो गए हैं.ये दोनों दल कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे  सकते हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की ताकत रखते  हो.दोनों दलों के बीच बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए विचार विमर्श हुआ है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.

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