रेप केस में जेल की सजा काट रहे राम रहीम के बाद अब उसकी राजदार हनीप्रीत द्वारा दिए गए मोबाइल फोन की वेरीफिकेशन पुलिस अबतक नहीं कर पाई है. इन दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन पुलिस के लिए एक पहेली बन चुके हैं. राम रहीम ने दो मोबाइल नंबर दिए थे. एक उसका और दूसरा हनीप्रीत का था.
यह मामला तब उजागर हुआ जब हाल ही में महिला आयोग की उपाध्यक्ष प्रीति भारद्वाज और सदस्य नम्रता गौर अंबाला की सेंट्रल जेल में महिला कैदियों से मिली. हनीप्रीत ने मौका पाकर जेल अधिकारियों की शिकायत कर दी. उसने कहा कि मोबाइल नंबर देने के बाद भी उसकी बात उसके परिजनों से बात नहीं करवाई गई.
इस मामले पर हरियाणा के जेल मंत्री कृष्ण लाल पवार से बात की गई, तो उन्होंने माना कि अभी तक हनीप्रीत के मोबाइल फोन वेरिफाई नहीं हो पाए हैं. हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि हनीप्रीत को जेल में उसकी पसंद का खाना बाहर से मंगवाया जाता है और उसको विशेष तरह की सुविधाएं दी जाती हैं.
बताते चलें कि देशद्रोह और आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप में हनीप्रीत पर जेल में बंद है. उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों ने राम रहीम को छुड़वाने की साजिश रची और हिंसा किया. इसमें 37 लोगों की मौत और 200 घायल हो गए. इस मामले में सुरेंद्र धीमान, गुरमीत सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज है.
पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि हनीप्रीत ने पूछताछ के दौरान उस पर लगे सभी आरोपों को कबूल कर लिया है. इसके अलावा पुलिस को हनीप्रीत से मोबाइल, लैपटॉप, डायरी और कई अहम दस्तावेज मिले हैं. उधर राम रहीम के वकीलों ने जब उसे हनीप्रीत की चार्जशीट वाली बात बताई, तो वह जेल के अंदर ही परेशान हो गया.
सूत्रों के मुताबिक हनीप्रीत के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में कुल 67 गवाह हैं, जिनमें से ज़्यादातर पुलिस के लोग हैं. उसके और दूसरे आरोपियों के खिलाफ पंचकुला के सेक्टर 5 पुलिस थाने में 27 और 28 अगस्त को IPC की धाराओं 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
पंचकूला हिंसा का ब्लूप्रिंट 18 अगस्त को सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में बुलाई गई एक एहम बैठक में तैयार किया गया था. इस बैठक को हनीप्रीत ने ही बुलाया था, जो डेरे में नंबर दो की हैसियत रखती थी. इस बैठक में मौजूद रही डेरा की चेरपर्सन विपश्यना इंसा को छोड़कर सभी आरोपियों पर देशद्रोह का आरोप है.