वैसे तो कानपुर से लखनऊ के बीच शताब्दी जैसी ट्रेनों को छोड़कर ज्यादातर ट्रेनें घंटों के हिसाब से रोज लेट होती हैं लेकिन अब यह समस्या और बढ़ने वाली है। अजगैन के बाद अब रेलवे कानपुर-लखनऊ रेलखंड के सोनिक स्टेशन पर सिग्नल प्रणाली को बेहतर करने का काम करने जा रहा है। यहां 23 व 24 जून को नॉन इंटरलाकिंग (एनआइ) की तैयारी है। इसके चलते यात्रियों के लिए मुश्किल भरे दिन होंगे। दरअसल यहां मेगा ब्लाक लेकर एनआइ का कार्य किया जाएगा। ऐेसे में कई ट्रेनें निरस्त रहेंगी तो कई के स्टेशनों में कटौती की जाएगी। कुछ ट्रेनों को बीच के स्टेशनों पर अतिरिक्त रोक गंतव्य को रवाना किया जाएगा। फिलहाल जब ब्लाक होगा तब के हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है जब बिना ब्लाक गुरुवार को इस कानपुर-लखनऊ रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनें किस तरह से विलंबित रहीं।—
कई चरणों में लिया जाएगा ब्लाक
कानपुर-लखनऊ ट्रैक पर ट्रेनों को रफ्तार देने के लिए उत्तर रेलवे सिग्नल को स्मार्ट करने में लगा है। नवंबर 2017 में अजगैन स्टेशन पर एनआइ कार्य कराया गया था। इसमें दो दर्जन से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई थी। सोनिक स्टेशन पर गुरुवार को पूर्व की तैयारियां रेल पथ और एसएनटी अनुभाग के इंजीनियरों ने शुरू कीं। कई चरणों में ब्लाक लेकर कार्य कराया गया। एनआइ के लिए परिचालन अनुभाग के अधिकारी ब्लाक अवधि तय करेंगे। पीडब्ल्यूआइ विकास कुमार के अनुसार 23 और 24 जून को नॉन इंटरलाकिंग कार्य कराए जाने की तैयारी चल रही है।
एनआइ की वजह से उत्सर्ग एक्सप्रेस, वरुणा, पुष्पक, बरौनी, चित्रकूट एक्सप्रेस, मुंबई-लखनऊ पुष्पक एक्सप्रेस, कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस, गोरखपुर-त्रिवेंद्रम राप्ती सागर एक्सप्रेस, बरौनी-ग्वालियर मेल और राप्ती सागर एक्सप्रेस सहित कई अन्य ट्रेनों का रूट बदला जा सकता है।
एनआइ के दौरान झांसी-लखनऊ इंटरसिटी, लखनऊ-आगरा इंटरसिटी, प्रतापगढ़-कानपुर इंटरसिटी, फैजाबाद-कानपुर इंटरसिटी, झांसी-लखनऊ पैसेंजर, लखनऊ जंक्शन-कानपुर मेमू, 64204 कानपुर-लखनऊ मेमू, 64205, 64206, 64207 लखनऊ-कानपुर मेमू, 64213 लखनऊ-कानपुर मेमू, 64214 कानपुर अनवरगंज- लखनऊ मेमू, बाराबंकी-कानपुर मेमू आदि के निरस्त होने की संभावना है।
भारतीय रेल में यात्री सुविधाओं की कमी आए दिन कोढ़ में खाज की तरह नजर आती रहती है। कई ट्रेनें कहीं भी खड़ी कर दी जाती है। ऐसे स्थानों पर लोग भूख प्यास से परेशान हो उठते हैं। ऐसी जगहों पर खाने पीने की चीजें भी काफी असुरक्षित रहती हैं। गर्मी में एसी खराब होना तो आम बात है। खानपान का हाल यह कि पेट्री कार तक अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। इनमें निर्धारित कीमत से अधिक और गुणवत्ता में घटिया वस्तुएं परोसी जाती है। इस सब पर रेलवे को शिकायत का इंतजार रहता है।