एमबीबीएस कॉपी घोटाला: कर्मचारियों की सहायता से करते थे बड़ा घोटाला

हाल ही में सीसीएसयू के एमबीबीएस कॉपी घोटाले में एसआईटी की टीम ने दूसरे दिन भी रिकॉर्ड खंगाले. आंसर बुक सेक्शन में जाकर टीम ने एमबीबीएस की उन कॉपियों को चेक किया जिन्हें एसटीएफ ने सील किया था. इसके अलावा टीम ने कई कर्मचारियों से भी बात की. उस समय कॉपियां लाने और रखने और अब की पूरी प्रक्रिया को देखा. वहीं टीम ने उस कक्ष को भी देखा, जहां पर खाली कॉपियां रखी जाती हैं. किस तरह से सेंटरों को यह कॉपियां भेजी जाती हैं. इन सब बातों की जानकारी ली. शुक्रवार को भी टीम जांच करेगी.

हम आपको बता दें कि बता दें कि 17 मार्च 2018 को एसटीएफ ने छात्र कविराज और विवि के तीन कर्मचारियों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था. खुलासा किया था कि कैंपस का छात्र नेता कविराज विवि के कर्मचारियों की मदद से एमबीबीएस की कॉपियां बदलवा देता था. आरोपी उत्तर पुस्तिकाओं के ऊपर का पेज छोड़कर अंदर की कॉपी हटाकर दूसरी कॉपियां सिल देते थे. अभ्यर्थी द्वारा दी गई कॉपी फिर पुरानी उत्तर पुस्तिकाएं में पंच करके अंदर रख दी जाती थीं. बताया गया कि एमबीबीएस के अलावा स्नातक और परास्नातक की कॉपी भी बदलने की बात सामने आई थी. मेडिकल थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शासन के निर्देश पर जांच लखनऊ एसआईटी को दे दी गई थी.

सूत्रों से मिली जानकरी के मुताबिक इस बात का पता चला है कि सीओ के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी की टीम मंगलवार से इस प्रकरण की जांच में जुटी है. टीम ने उन सभी बातों की भी जानकारी ली जिन्हें एसटीएफ ने अपनी प्रथम दृष्टयता जांच में शामिल किया था. पुराने रिकॉर्ड की एमबीबीएस की कॉपियां नष्ट किए जाने के कारण एसटीएफ को भी उनका रिकॉर्ड नहीं मिला था, ऐसे में एसआईटी को भी पुराना रिकॉर्ड नहीं मिला है. वहीं परीक्षा नियंत्रक के साथ भी टीम ने पूरी जानकारी ली.

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