उन्नाव गैंगरेप कांड में आरोपी दरोगा पर एक और केस दर्ज, सीबीआई लेगी पूर्व एसपी का बयान नहीं था मेरा कुछ

उन्नाव प्रकरण की जांच में जुटी सीबीआई ने इस मामले में आरोपी दरोगा कामता प्रसाद के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कराया है। दरोगा के आवास की तलाशी के दौरान तमंचा बरामद होने पर जिले के माखी थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

दरअसल पीड़िता ने सीबीआई को बताया था कि वारदात के बाद उसने माखी थाने पर तहरीर दी थी जिसे दरोगा कामता प्रसाद ने बदलवा कर मनमानी तहरीर दर्ज करवा दी। सीबीआई को शक था कि मूल तहरीर दरोगा के आवास से बरामद हो सकती है। इस पर उसने स्थानीय थाने की पुलिस के साथ शुक्रवार को दरोगा के थाना परिसर स्थित आवास की तलाशी ली। इस दौरान पीड़िता की तहरीर की मूल प्रति तो नहीं मिल सकी, पर वहां छिपाकर रखा .315 बोर का तमंचा जरूर बरामद हुआ।

सीबीआई कार्यालय नहीं पहुंचीं नेहा पांडेय, अब घर पर हो सकते हैं बयान
उन्नाव प्रकरण में जांच कर रही सीबीआई अब तक पूर्व कप्तान नेहा पांडेय का बयान नहीं दर्ज कर सकी है। नेहा पांडेय को सीबीआई कार्यालय में अपने बयान दर्ज कराने थे पर उन्होंने बीमारी का हवाला देकर आने में असमर्थता जताई है। चूंकि सीबीआई को जल्द ही मामले की चार्जशीट दाखिल करनी है इसलिए वह दिल्ली स्थित घर जाकर उनके बयान दर्ज कर सकती है।

गौरतलब है कि पीड़िता ने जब विधायक पर बलात्कार का आरोप लगाया था तब नेहा पांडेय उन्नाव की एसपी थीं। आरोप है कि पुलिस ने उसकी एफआईआर नहीं दर्ज की थी। ऐसे में नेहा का बयान अहम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि नेहा ने बीमारी से संबंधित कुछ पेपर सीबीआई को भेजे हैं।

आधा दर्जन पुलिस कर्मियों से हो चुकी है पूछताछ

सीबीआई इस प्रकरण में अब तक आधा दर्जन पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें उन्नाव में तैनात पूर्व सीओ कुंवर बहादुर सिंह भी शामिल हैं। वहीं, पीड़िता के पिता की पिटाई के समय उन्नाव में एसपी रहीं पुष्पांजलि देवी से भी लंबी पूछताछ की चुकी है। दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। माना जा रहा है कि नेहा पांडेय का बयान दर्ज करने के बाद सीबीआई विधायक के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी करेगी।

मालूम हो कि तीन अप्रैल को उन्नाव के माखी क्षेत्र में पीड़िता के पिता की बर्बर पिटाई की गई थी। इस मामले में विधायक के भाई अतुल सेंगर पर आरोप लगे थे लेकिन, पुलिस ने एफआईआर से उनका नाम निकालकर पीड़िता के पिता पर ही आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया था। बाद में पीड़िता के पिता की जेल में मौत हो गई थी, जिसके बाद आनन फानन सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई फिलहाल इस प्रकरण से संबंधित तीन मुकदमों की जांच कर रही है।

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