देहरादून: उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 फीसद आरक्षण के मामले में राज्य सरकार अब हाईकोर्ट की डबल बेंच में जाएगी। कोर्ट की सिंगल बेंच ने इस आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में जनता दरबार के दौरान संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी।
डॉ. रावत ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं से सरकार भलीभांति अवगत है। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री से भी वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को सम्मान मिले। इसके लिए सरकार हाईकोर्ट की डबल बेंच में जा रही है। वहीं, जनता दरबार के दौरान राज्य निर्माण आंदोलनकारी महिलाओं ने डॉ.रावत से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा।
महिलाओं ने आंदोलनकारियों को आरक्षण देने के संबंध में सरकार की ओर से प्रभावी ढंग से पैरवी की मांग की गई। इसके साथ ही आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करने का भी आग्रह किया। उनका कहना था कि आंदोलन के दौरान जेल में बंद रहे आंदोलनकारियों की गवाही, स्थानीय अभिसूचना इकाई की रिपोर्ट, अखबारों की कतरन समेत अन्य बिंदुओं को चिह्नीकरण का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। इस पर राज्यमंत्री डॉ. रावत ने सभी की भावनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराने की बात कही।