देहरादून, विधानसभा चुनाव में राज्य में भाजपा का चेहरा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्तारूढ़ होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस सबको देखते हुए पार्टी नेतृत्व धामी को फिर अवसर दे सकता है। इसके लिए धामी को काम करने के लिए मिले कम समय का हवाला दिया जा सकता है। शुक्रवार को पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
विधायकों में से ही तय किया जाएगा मुख्यमंत्री का नाम
इसके अलावा नई सरकार के मुखिया के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, सतपाल महाराज के नाम भी चर्चा में हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार बदली परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर नेतृत्व मंथन में जुट गया है। हालांकि अधिक संभावना इस बात की है कि विधायकों में से ही मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा।
प्रदेश की भाजपा सरकार में पिछले वर्ष जुलाई में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद भाजपा ने धामी को कमान सौंपी। इसके बाद धामी ने राजनीतिक कौशल का परिचय देकर पार्टी हाईकमान का ध्यान खींचने में सफलता पाई। इसे देखते हुए पार्टी ने यह साफ किया था कि विधानसभा चुनाव में धामी ही उसका चेहरा होंगे। अब जबकि विधानसभा चुनाव को लेकर तस्वीर साफ हो चुकी है, भाजपा स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आ गई है, लेकिन धामी के चुनाव हार जाने से इसे लेकर चर्चा होने लगी है कि मुख्यमंत्री कौन होगा।
कैलाश गहतौड़ी की ओर से धामी के लिए सीट खाली करने की पेशकश
विधानसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि धामी को ही पार्टी फिर से मौका दे सकती है। चम्पावत से चुनाव जीते विधायक कैलाश गहतौड़ी की ओर से धामी के लिए सीट खाली करने की पेशकश को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। यह भी तर्क दिया जा रहा कि जिस तरह से बंगाल में टीएमसी ने चुनाव हारने के बाद भी ममता बनर्जी को ही अपना नेता चुना, उसी तरह का प्रयोग भाजपा यहां भी कर सकती है।
इसके साथ ही ये चर्चा भी है कि बदली परिस्थितियों में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें भी अवसर दे सकती है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार के मंत्री सतपाल महाराज, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम भी चर्चा में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार सभी विषयों पर मंथन चल रहा है। एक-दो दिन में इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।
भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। विधायक दल अपना नेता चुनेगा और फिर संसदीय बोर्ड इस पर मुहर लगाएगा। ऐसे में अभी कोई यह कहने की स्थिति में नही है कि कौन मुख्यमंत्री होगा। जहां तक पुष्कर सिंह धामी की बात है तो वह हमारे महत्वपूर्ण नेता हैं।