आज के लेख में PSA Test के फायदों के बारे में साथ ही साथ इसे करवाते समय किन- किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है..

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक खतरनाक कैंसर है जिसका समय रहते पता लग जाए तो इसका इलाज पॉसिबल है तो पीएसए टेस्ट के जरिए इसी का पता लगाया जाता है। जानेंगे आज के लेख में इस टेस्ट के फायदों के बारे में साथ ही साथ इसे करवाते समय किन- किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

प्रोस्टेट कैंसर ऐसा सबसे सामान्य कैंसर है जो पुरुषों को प्रभावित करता है। इसके सफल उपचार की बेहतर संभावनाओं में इस रोग की जल्दी पहचान महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला एक उपकरण है प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) परीक्षण। इस लेख में, हम जानेंगे कि पुरुषों को पीएसए परीक्षण, इसके फायदों के साथ ही और क्या-क्या जानना जरूरी है।

पीएसए परीक्षण क्या है?

पीएसए परीक्षण ब्लड में प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन) नामक प्रोटीन के स्तर को मापा जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि पीएसए बनाती है और इसका बढ़ा लेवल प्रोस्टेट कैंसर या अन्य प्रोस्टेट रोगों के होने का इशारा दे सकता है। परीक्षण में साधारणत: रक्त निकाला जाता है और रिजल्ट आमतौर पर कुछ ही घंटों के अंदर मिल जाता है।

पीएसए परीक्षण के फायदे

शीघ्र पहचानः पीएसए परीक्षण रोग के लक्षण दिखाई देने से पहले ही पहले स्टेज में प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने में मदद कर सकता है। इस बीमारी का जल्द पता लगने से समय पर उपचार और बेहतर परिणाम मिलने की संभावना होती है।

निगरानीः प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित पुरुषों के लिए, पीएसए परीक्षण का इस्तेमाल रोग के बढ़ने और उपचार की प्रभावशीलता पर नजर रखने के लिए किया जा सकता है।

खतरे का पता: पीएसए के लेवल भविष्य में प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ने के जोखिम का आकलन करने में भी मदद कर सकते हैं। जिससे रोग पर बारीकी से नजर रखी जा सकती है और अन्य जरूरी जांचे की जा सकती हैं। 

पीएसए परीक्षण करवाने से पहले जरूरी बातें

आयु और जोखिम कारक

पीएसए परीक्षण कराने का निर्णय व्यक्ति की आयु, परिवार में पहले हुई प्रोस्टेट कैंसर की घटनाओं और समग्र स्वास्थ्य पर आधारित होना चाहिए। हालांकि, 50 साल से ज्यादा आयु के पुरुषों के लिए यह परीक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए और ये रेगुलर हेल्थ चेकअप का एक जरूरी हिस्सा होना चाहिए। 

ध्यान दें

अगर पीएसए का लेवल ज्यादा या चिंताजनक है, तो प्रोस्टेट कैंसर है या नहीं ये पता करने के लिए प्रोस्टेट का अल्ट्रासाउंड या प्रोस्टेट बायोप्सी करवाने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं। पीएसए परीक्षण प्रोस्टेट कैंसर की जांच और निगरानी के लिए एक जरूरी उपकरण हो सकता है। जिससे इस रोग का जल्दी पता चल सके और समय रहते इलाज मिल सके।

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