अंतिम संस्कार के समय अपनी मां की चिता पर बैठ गया अघोरी बेटा, उसके बाद का मंजर आप खुद देख ले..

आज का जमाना सोशल मीडिया का है और यही कारण है की आए दिन कोई न कोई जानकारी सामने आती ही रहती है चाहे वो जानकारी छोटी हो या फिर बड़ी हर जानकारी सामने आ जाती है। वहीं ये बात भी सच है की सोशल मीडिया के होने से कुछ ऐसी घटनाएं भी सामने आती रहती है जो सुनने में बेहद अजीबों गरीब लगती है लेकिन वो सच होती है। दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया।

जी हां आपको बता दें की सोशल मीडिया पर आजकल जो मामला सामने आया है वो बेहद चर्चा में है जानकारी के लिए बता दें की हाल ही में एक वीडियो चर्चा में आया हुआ है जिसमें आप देखेंगे की एक अघोरी साधु शरीर पर भस्म लगाए अपनी मां के शव के ऊपर बैठकर पूजा-अर्चना कर रहा है। जी हां वैसे बताया जा रहा है की ये मामला तमिलनाडु का है जहां एक अघोरी ने अपनी मां के मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के समय कुछ ऐसा किया जिसे देखकर लोग हैरान थें। बता दें की जैसे ही उस अघोरी साधु की मां का अंतिम संस्कार शुरू हुआ वैसे ही उसने और उसके साथ कई और अघोरी साधुओं ने पूजा अर्चना शुरू की और फिर सभी अघोरी साधु हाथ उठाकर हर-हर महादेव बोल रहे थें जिसके बाद वो लोग शव को जमीन में दफनाने वाले थें।

वैसे इस मामले की विस्तृत जानकारी की गई तो पता चला की ये महिला 70 साल की थी जिसका निधन हो गया ये तमिलनाडु के अरियमंगलम का है। यहां ये महिला अपनी बेटी के साथ रह रही थीं। अंतिम संस्कार के लिए परिजन उनके शव लेकर श्मशान घाट पहुंचे।तभी उस अघोरी साधु मणिकनाथ भी अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंच गया और उसके साथ अन्य कई साधु भी वहां पहुंचे और फिर हैरानी तब हुई जब वो अपनी मां के शव के ऊपर जा बैठा और मंत्रोच्चार करने लगा।  उसके बाद वो सभी हर हर महादेव का घोस करते हुए पास के खोदे गए गड्ढे में शव को रख देते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में आसपास के लोग वहां जुट गए।

वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें की अघोरी को लेकर यहां कई सारी मान्यताएं है लेकिन विशेषरूप से अघोरी बनने के लिए सबसे पहली बात ये माननी होती है की अघोर अपने मन से घृणा को निकालना। अघोर क्रिया व्यक्त को सहज बनाती है। मूलत: अघोरी उसे कहते हैं जो शमशान जैसी भयावह और विचित्र जगह पर भी उसी सहजता से रह सके जैसे लोग घरों में रहते हैं। इतना ही नहीं कहा तो ये भी जाता है की अघोरी मानव के मांस का सेवन भी करता है। ऐसा करने के पीछे यही तर्क है कि व्यक्ति के मन से घृणा निकल जाए। जिनसे समाज घृणा करता है अघोरी उन्हें अपनाता है। लोग श्मशान, लाश, मुर्दे के मांस व कफ़न से घृणा करते हैं लेकिन अघोर इन्हें अपनाता है। 

वेसे आपको बताते चले की सामान्यत ये अघोरी आम लोगों की दुनिया से कटे हुए होते हैं। अपने में ही मस्त रहने वाले होते हैं। दिन के समय में अधिकांश वो सोते हैं और रात में श्मशान साधना करते हैं। वे आम लोगों से कोई संपर्क नहीं रखते और न ही किसी से ज्यादा बातें करते हैं।

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