मुंबई। पत्नी हसीन जहां के सनसनीखेज आरोपों का खामियाजा आखिर भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को भुगतना पड़ ही गया. विवाद के सामने आने के बाद शमी का नाम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से जारी 26 सदस्यीय सालाना कॉन्ट्रेक्ट की सूची में शामिल नहीं है. इस बार कॉन्ट्रैक्ट में नई कैटेगरी शामिल की गई है. शमी को कॉन्ट्रैक्ट में शामिल नहीं करने की सबसे बड़ी वजह उनकी पत्नी के लगाए आरोपों को माना जा रहा है. हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा और दूसरी महिलाओं से अवैध संबंध रखने का आरोप लगाए हैं.
सालाना अनुबंध की सूची में शमी का नाम नहीं होने के पीछे का कारण उनकी पत्नी द्वारा उन पर लगाए गए आरोप हैं. शमी की पत्नी ने उन पर मारपीट करने और अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध होने का अरोप लगाया है. पिछले सत्र में शमी को बी-वर्ग में शामिल किया गया था. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में हुई टेस्ट सीरीज में शमी टीम का हिस्सा थे और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन भी किया था. ऐसा अमूमन कम ही होता है जब टीम इंडिया के लिए खेलने वाला क्रिकेटर कॉन्ट्रेक्ट से ही बाहर कर दिया जाए.
बीसीसीआई की सालाना कॉन्ट्रेक्ट की सूची में शामिल इस नई कैटेगरी को ए-प्लस नाम दिया गया है. इसमें कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार के नाम शामिल हैं. इन सभी को सालाना सात करोड़ रुपये मिलेंगे. धवन को पिछले सत्र में सी-कैटेगरी में रखा गया था. भारत के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धौनी को ए-कैटेगरी में रखा गया है और उन्हें सालाना तौर पर पांच करोड़ मिलेंगे.
डरबन टेस्ट में शमी ने किया था धारदार प्रदर्शन
बीसीसीआई ने जिन26 अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची जारी की है उनमें शमी का नाम शामिल नहीं है जबकि उन्होंने हाल में दक्षिण अफ्रीका के दौरे में भारत की एकमात्र टेस्ट जीत में अहम भूमिका निभाई थी. शमी ने मैच की दूसरी पारी में 28 रन देकर पांच विकेट लिए थे. माना जा रहा है कि बीसीसीआई को चिंता है कि अगर शमी के खिलाफ लगाये गये आरोप सही साबित होते हैं तो बोर्ड की छवि खराब हो सकती है.
बीसीसीआई अधिकारी का बयान
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि बोर्ड ने उनकी पत्नी हसीन जहां द्वारा लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखकर उनका नाम रोक दिया. अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई ने मोहम्मद शमी की निजी जिंदगी से जुड़ी तमाम रिपोर्टों पर संज्ञान लिया है. यह पूरी तरह से निजी मामला और बीसीसीआई का इससे कोई लेना देना नहीं है.
लेकिन इस मामले से जुड़ी महिला कोलकाता में पुलिस आयुक्त से मिली है तो बीसीसीआई की तरफ से यह विवेकपूर्ण होगा कि वह किसी तरह की आधिकारिक जांच का इंतजार करे. इसलिए फिलहाल मोहम्मद शमी का नाम आज जारी केंद्रीय अनुबंध सूची से हटा दिया गया है. हम फिर से दोहराना चाहेंगे कि इस फैसले का शमी की एक खिलाड़ी के रूप में योग्यता से कोई लेना देना नहीं है बल्कि यह वर्तमान परिस्थितियों में बचाव के लिए लिया गया है.
हसीन जहां ने सोशल मीडिया पोस्ट में शमी पर घरेलू हिंसा और व्यभिचार का आरोप लगाया है लेकिन इस तेज गेंदबाज ने इन दोनों को‘ झूठा’ करार दिया है. हसीन जहां ने हालांकि इस 27 वर्षीय खिलाड़ी से तलाक नहीं मांगा है. शमी ने भारत की तरफ से30 टेस्ट मैचों में110 विकेट लिए हैं. चोटों से जूझने वाले इस तेज गेंदबाज ने 50 वनडे और सात टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले हैं जिनमें उन्होंने 91 और आठ विकेट लिए हैं.