रिश्तो में बेनतीजा बहस नुकसान पंहुचा सकती है. इसलिए कोशिश करे कि बहस न करे जिससे रिश्ते में दूरिया न आए. बहस के दौरान एक दूसरे को गलत ठहराना, आरोप लगाना सामान्य है, किन्तु इस बहस से कुछ हासिल नहीं होता है. हर किसी की सोच एक जैसी नहीं होती है, लड़ाई किसी समस्या का हल नहीं होती है.
इसके लिए जरूरी है कि बैठ कर बातचीत कर समस्या का हल निकाले, न कि बिना नतीजे कि बहस करे. कई बार किसी बात का बुरा लग जाता है उसे मन में रखा ही जाता है, जरूरी है कि उन भावनाओ को ठीक तरह से व्यक्त किया जाए. क्योकि ऐसी बातें मन ही मन में इंसान को कचोटती है और आगे जा कर यह भयंकर लड़ाई में तब्दील हो जाती है. भावनाओ को साथी के सामने रखे और बहस से बचे.
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यदि आपका पार्टनर गुस्सैल स्वभाव का है, उसे समझदारी से हैंडल करना जरूरी है.प्यार से समझने पर निश्चित ही वह आपकी बात को मानेगा. कोशिश करे कि बात करते समय आपकी आवाज तेज न हो. इससे बात बिगड़ेगी ही. इसलिए धीमे आवाज में शांत हो कर बात करे.