पशु-पक्षियों में ऐसा कौन सा गुण होता है जिससे उन्हें भविष्य में आने वाली आपदाओं का पहले से पता चल जाता है। पशु-पक्षियों की इस अतिइंद्रिय शक्ति से विज्ञान भी इंकार नहीं करता है। खैर.. आज भी इस पर शोध जारी है। यहां हम आपको कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जब पशु पक्षियों ने अपने अद्भुत अतिइंद्रिय शक्ति के चमत्कार दिखाए।
टोडों को भूकंप तो याद होगा। पता पहले ही चल जाता है। उदारहण के तौर पर इस घटना को देखिए, इटली के लाकिला शहर में आए भूकंप के समय सारे टोड भूकंप से तीन दिन पहले ही पलायन कर गए। जब भूकंप का अभिकेंद्र उनके निवास स्थान से 74 किलोमीटर दूर था। है ना हैरान कर देने वाली बात…
ये घटना बर्मा की है। उस वक्त वहां अंग्रेजों की एक टुकड़ी पर चंद जापानियों ने हमला किया था। जापानी सैनिक ने सोची-समझी रणनीति के तहत पीछे हटने का नाटक खेला। अंग्रेजों ने उन्हें भागा हुआ समझा और देखा कि उनके ठिकाने पर एक मेज पर ताजा पकाया हुआ खाना रखा है। वे खाना खाने जैसे ही आगे बढ़े तो अंग्रेजों के सार्जेंट की काली बिल्ली ने खाने को तहस-नहस कर दिया और अंग्रेज सैनिकों पर गुर्राने लगी। कुछ ही मिनटों में बारूदी सुरंग फट पड़ी और खाने की मेज और बिल्ली के टुकड़े-टुकड़े हो गए। बर्मा में आज भी उस बिल्ली की समाधि है।
अमेरिका के पश्चिमी द्वीप समूह में माउंट पीरो नामक पर्वत है। इस पर्वत से एक दिन अचानक ज्वालामुखी फूट पड़ा। चारों तरफ दहकते अंगारे फैलने लगे, पर्वत के टुकड़े-टुकड़े हो गए। माना जाता है कि इस प्राकृतिक आपदा में लगभग तीस हजार लोग काल के गाल में समा गए। जो लोग इस घटना के बाद जीवित रह गए उनका कहना था कि यहां के पशु-पक्षी काफी दिनों से रात में खूब रोते थे। पशु-पक्षियों ने यहां से अपना बसेरा बदल लिया था।
घटना वियना की है। एक कुत्ता माल उठाने-उतारने की क्रेन के पास पड़ा सुस्ता रहा था। अचानक वह चौंककर उठा और उछलकर दूर जाकर बैठ गया। कुछ मिनटों के बाद अचानक क्रेन का रस्सा टूट गया और भारी लौहखंड वहीं गिरा, जहां कुत्ता पहले लेटा हुआ था।