नगरोटा में सैन्य कैंप पर हमला होने के बाद सेना किसी तरह के जोखिम उठाने के मूड में नहीं। सेना नगरोटा क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध को देखे जाने के बाद तुरंत हरकत में आ रही है। पिछले एक हफ्ते में दो बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जब सेना ने संदिग्ध देखने पर गोली चला दी। नगरोटा में सेना की 16 कोर का मुख्यालय है। अभी डेढ़ महीना पहले आतंकियों ने इसी इलाके में हमला किया। इसमें सेना के दो मेजर रैंक के अधिकारियों सहित सात जवान शहीद हो गए।
इसके बाद से ही सेना ने इस इलाके को अलर्ट पर रखा हुआ है। अभी पांच दिन पहले सेना ने एक व्यक्ति को आतंकी समझ कर गोली मार दी। वह सेना के कैंप में घुसने का प्रयास कर रहा था।
या फिर कोई संदिग्ध दिखे तो उस पर तत्काल कार्रवाई करें। सूत्रों का यह भी कहना है कि नगरोटा में हमला होने के बाद इसे सेना की चूक माना गया था। इसके बाद सेना ने अपने सभी कैंपों के प्रवेश द्वार पर तैनात संतरियों को अलर्ट कर दिया है कि किसी भी संदिग्ध के दिखने पर उस पर तुरंत कार्रवाई करें।
शनिवार को एक बस की सेना के जवानों ने जांच शुरू की। तभी एक संदिग्ध वहां से जांच के दौरान भागने लगा। जवानों ने उसे रोका। पूछताछ में उसकी पहचान फयाज अहमद निवासी अनंतनाग के रूप में हुई। सेना ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह हिमाचल प्रदेश में मजदूरी का काम करता है।
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