रिफत हर रोज दुआ करती थी कि उसके अब्बू ठीक हो जाएं। जब वह डोली में बैठे तो वही उसे बैठाएं, लेकिन दुआ कुबूल नहीं हुई। उसके अब्बू आए, लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए ताबूत में। शादी की खुशियों और तैयारियों में जुटा परिवार बुधवार सुबह गम में डूब गया। 21 वर्षीय रिफत आरा की शादी की खुशियां उसके पिता हेड कांस्टेबल हबीबुल्ला की मौत से छिन गईं।
हबीबुल्ला अपने एक अन्य साथी संग बीते शुक्रवार को 15 जून को श्रीनगर में डेंटल कॉलेज के बाहर आतंकी हमले मे जख्मी हो गए थे। जिंदगी और मौत के बीच करीब सात दिन जूझने के बाद हबीबुल्ला ने तड़के शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतिम सांस ली। शहीद हबीबुल्ला सोपोर के साथ सटे बोम्मई गांव के रहने वाले थे। परिवार में तीन बेटियां रिफत आरा, इंशा, रुबीना के अलावा दो बेटे गुलाम मोहिद्दीन व कैसर अहमद लोन के अलावा पत्नी और बुजुर्ग माता-पिता रह गए हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal