राजस्थान में अन्य उत्तर भारतीय राज्यों की अपेक्षा ब्लू व्हेल गेम का खतरा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक लड़की ने इलाज के बावजूद दोबारा कदूकर जान देने की कोशिश थी। अब स्कूल के एक दो नहीं बल्कि चार छात्र इसकी चपेट में हैं। लापरवाही होने पर चारों अपनी जान गवां सकते हैं।
बता दें कि यह मामला झुंझुनूं जिले के बिसाऊ कस्बे की जटिया राजकीय सीनियर स्कूल का है। जहां के चार छात्र ब्लू व्हेल गेम की चपेट में आ चुके हैं। जटिया राजकीय स्कूल के प्रधानाचार्य कमलेश कुमार तेतरवाल ने प्रार्थना सभा में छात्रों को ब्लू व्हेल गेम के नुकसान के बारे में जानकारी दी थी। उसके बाद नौवीं कक्षा के एक छात्र ने अपने साथियों को ब्लू व्हेल खेलने के बारे में बताया। छात्रों ने ब्लू व्हेल गेम खेलने की बात भी मान ली।
तेतरवाल ने कहा कि जब उन्होंने छात्र के घर से मोबाइल मंगवाया तो उसमें गेम इंस्टाल मिला। छात्र ने प्रिंसिपल को बताया कि वह और स्कूल के तीन छात्र यह गेम खेल रहे हैं। एक छात्र चौथा टास्क, दूसरा 17वां, तीसरा 40वां और चौथा छात्र 50वें टास्क पर पहुंचने वाला है। यानि की तीसरे चौथे छात्र की मौत बहुत करीब है। नौवीं कक्षा के छात्र ने प्राचार्य को बताया कि वह अब इस स्टेज पर गेम को नहीं छोड़ सकता। ऐसा करने से उसके परिजनों की जान को खतरा हो सकता है।
मनोचिकित्सक डॉ. कपूर थालौर ने गेम खेल रहे बच्चे की काउंसलिंग की। दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक महेन्द्र चौधरी, सहायक निदेशक सुभाष माचरा और सुभाष महलावत स्कूल पहुंचे और छात्र को समझाया।