कमेटी ने सीनियर और जूनियर दोनों पक्षों को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए हैं। जूनियरों ने एक पत्र के माध्यम से प्रबंधन तक शिकायत भेजी। बाद में कमेटी के समक्ष उन्होंने पूरी घटना बताई और दोषी सीनियरों के नाम भी उजागर किए।
इंदौर के मेडिकल कॉलेज में एक माह के भीतर रैगिंग का दूसरा मामला सामने आया है। सीनियर छात्रों ने कॉलेज परिसर के बजाय अपने निजी फ्लैट पर जूनियर छात्रों को बुलाकर रैगिंग की। वहां उन्होंने जूनियरों के साथ पहले मारपीट की, फिर उनसे जबरन डांस करवाया और उन्हें शराब भी पिलाई। इस मामले की एक गोपनीय शिकायत कॉलेज प्रबंधन के पास पहुंची है, जिसकी अब जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में रैगिंग किए जाने की पुष्टि हुई है। पीड़ित छात्रों में इंदौर के एक प्रसिद्ध डॉक्टर का बेटा भी शामिल है।
पीड़ित छात्रों ने आरोप लगाया कि सीनियरों ने उन्हें फ्लैट पर बुलाकर शारीरिक प्रताड़ना दी और मनोरंजन के नाम पर डांस कराया। रैगिंग लेने वाले छात्रों में दो सीनियर ऐसे हैं, जिनकी शिकायत पहले भी हो चुकी है और वे इसी कारण एक माह के लिए कॉलेज से निलंबित भी रह चुके हैं। निलंबन की अवधि बीतने के बाद वे दोबारा रैगिंग की गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।
जांच कमेटी ने सीनियर और जूनियर दोनों पक्षों को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए हैं। प्रताड़ित छात्र शुरुआत में सामने आने से डर रहे थे, इसलिए उन्होंने अपनी बात एक पत्र के माध्यम से प्रबंधन तक पहुंचाई। हालांकि, बाद में कमेटी के समक्ष उन्होंने विस्तार से पूरी घटना बताई और दोषी सीनियरों के नाम भी उजागर किए।
बयानों में यह भी सामने आया कि जूनियर छात्रों को क्रिकेट खेल के बहाने भी प्रताड़ित किया जाता है। सीनियर छात्र घंटों तक जूनियरों से फील्डिंग और गेंदबाजी कराते हैं, लेकिन उन्हें बल्लेबाजी का अवसर नहीं देते। गौरतलब है कि इससे पहले 18 नवंबर को भी रैगिंग की एक शिकायत आई थी, जिसके बाद चार सीनियर छात्रों को एक माह के लिए निलंबित किया गया था।
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