मोहाली| रोहित शर्मा का बल्ला लगातार रन उगल रहा है और उन्हें यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं कि उनके एक दशक के अंतरराष्ट्रीय करियर में 2017 उनके लिये सर्वश्रेष्ठ वर्ष रहा. श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अपना तीसरा दोहरा शतक जड़ने वाले रोहित ने इस साल सात शतक (वनडे में छह और टेस्ट में एक) लगाये और पिछले साल नवंबर में जांघ के आपरेशन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार वापसी की.
रोहित ने दूसरे वनडे में भारत की जीत के बाद कहा, ‘‘क्रिकेटर के तौर पर यह साल मेरे लिये सर्वश्रेष्ठ रहा. मैं गेंद को बहुत अच्छी तरह से हिट कर रहा हूं. ’’ यह सलामी बल्लेबाज सीमित ओवरों की टीम का अहम सदस्य है लेकिन टेस्ट एकादश में अब भी उनकी जगह पक्की नहीं है लेकिन वह हमेशा यही सोचकर चलते हैं कि उन्हें प्रत्येक मैच खेलना है.
रोहित ने कहा, ‘‘मैं खुद से कहता हूं कि अगर मौका मिलता है तो मुझे इसके लिये तैयार रहना होगा. पहले क्या हुआ उसका मुझे खेद नहीं है. भविष्य उज्ज्वल है. पिछले पांच छह महीनों में यही बात मेरे दिमाग में रही.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं टेस्ट मैचों के लिये तैयार रहना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि हम कुछ अवसरों पर पांच गेंदबाजों तो कभी चार गेंदबाजों के साथ खेलते हैं और ऐसे संयोजन में कभी मुझे मौका मिल सकता है और कभी नहीं. मैं खुद को इस तरह से तैयार करता हूं कि मैं हर मैच में खेल रहा हूं. ’’
रोहित ने कहा, ‘‘मैं अपनी अच्छी शुरूआत को बड़ी पारी में बदलने की कोशिश कर रहा हूं. मैं जानता हूं कि हर समय ऐसा नहीं होगा लेकिन जब ऐसा होता है तो मैं उसका पूरा फायदा उठाना चाहता हूं. ’’ पहली बार किसी श्रृंखला में कप्तान के तौर पर खेल रहे रोहित का ध्यान अभी दक्षिण अफ्रीकी श्रृंखला पर नहीं है जो अगले महीने शुरू होगी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों में शामिल हूं जो इतने आगे के बारे में नहीं सोचते इसलिए मैं इस पर बात नहीं करूंगा कि हमें दक्षिण अफ्रीका में क्या करना है. मुझे पहली बार कप्तान नियुक्त किया गया है और मैं केवल इस श्रृंखला के बारे में सोच रहा हूं. ’’