सू की ने कहा कि म्यांमार को अंतरराष्ट्रीय जांच का डर नहीं है, लेकिन रखाईन राज्य में स्थायी समाधान के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। रखाईन के सभी समूहों के लिए म्यांमार सोचता है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश जा रहे मुस्लिमों की हम चिंता करते हैं। हालांकि सू की ने ये भी साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर दुनियाभर से हो रही आलोचनाओं की उन्हें कोई परवाह नहीं है।
सू की ने कहा हम यह पता लगाना चाहते हैं कि यह पलायन क्यों हो रहा है, जो लोग भाग गए हैं उनसे बात करना चाहती हूं। रखाईन में शांति स्थापित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कई ग्रामीण मुस्लिमों ने पलायन नहीं किया है।
सू की ने कहा मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यहां यात्रा करने के लिए आमंत्रित करती हूं। आंग सांग ने कहा कि हमने सेंट्रल कमेटी का गठन किया है जो रखाईन के लिए कानून और विकास का कार्यान्वयन करे। सू की ने कहा कि हमने डॉ कोफी अन्नान को कमीशन का नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित किया है।
सू की ने कहा कि आरोप और प्रतिवाद हुए हैं, जाति या धर्म के बावजूद अपराधियों को दंडित किया जाएगा। पिछले साल के दौरान हमने विकास और शांति स्थापित करने के लिए अपने कार्यक्रमों को जारी रखा है। हम चाहते हैं कि पूरा विश्व हमे केवल एक क्षेत्र के रूप नहीं बल्कि देश के रूप में समझे।
उन्होंने कहा कि जो लोग वापस आना चाहते हैं उनके लिए हमने एक रिफ्यूजी वेरीफिकेशन प्रोसेस तैयार किया है। आंग सांग ने कहा कि हम एक ऐसा देश नहीं बनाना चाहते जो धार्मिक आधार पर बांटता हो। डर और नफरत गंभीर समस्या है। 25 अगस्त को 30 पुलिस आउटपोस्ट पर हमला किया गया था। सरकार ने अराकन रोहिंग्या सलवेशन आर्मी को आतंकी संगठन घोषित किया।
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