गैंगरेप का झूठा केस दर्ज कराकर पुलिस को गुमराह करने वाली आरोपी छात्रा आरती प्रेमी ऋषिराज मीणा के साथ मिलकर आगरा और मैनपुरी में ब्लैकमेलिंग की पांच वारदात कर चुकी है।
आरती की अनैतिक गतिविधियों के कारण ही परिवारवालों ने उसे घर से निकाल दिया था। आरती करीब तीन माह तक आगरा में रही थी और वहां पर ऋषिराज भी उससे मिलने जयपुर से जाता था। यह खुलासा आरोपी ऋषिराज व आरती ने पुलिस की पूछताछ में किया है। करोड़पति बनने के लिए ऋषिराज ने आरती को ब्रेन वॉश कर दिया था।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को शनिवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जहां से दोनों को पूछताछ के लिए एक दिन के रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस जयपुर में ब्लैकमेलिंग की अन्य वारदातें करने के मामलों में दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। आरोपी आरती ने पुलिस को बताया कि उसके चार बैंक खातों में गांव में बेची गई जमीन की राशि जमा है।
जबकि पुलिस ने यूपी के मेनपुरी में पता किया तो सामने आया कि उसके पिता ने अभी तक कोई जमीन बैची नहीं है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरती ने ऋषिराज से मिलकर महज ढ़ाई माह में यह राशि लोगों को ब्लैकमेल कर हासिल की है।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ऋषिराज व आरती चार माह से रिलेशनशिप में रह रहे थे। ऋषिराज जल्द ही आरती से शादी करने वाला था और उसके माध्यम से लोगों को दुष्कर्म के केसों में फंसाकर ब्लैकमेल करने के बाद करोड़ों रुपए वसूल करना चाहता था। पैसे कमाने व ऐसा करने पर ही करोड़पति बनने के लिए ऋषिराज ने आरती को ब्रेन वॉश कर दिया था। ऐसे में आरती ऋषिराज की बातों में आकर अनैतिक काम करने लगी थी।
आरोपी ऋषिराज का मेनपुरी में ही आरती से संपर्क हुआ था। इसके बाद ऋषिराज ने रोहित नाम के युवक से आरती को फोन कराया और रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा दिया। ऋषिराज ने रोहित के नाम से आरती से 25 हजार रु. एडवांस भी लिए थे। बाद में ऋषिराज ने ढ़ाई माह पहले आरती को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर जयपुर बुला लिया। जब रेलवे में नौकरी नहीं लगी तो आरती व ऋषिराज ने ब्लैकमेल करने की योजना बनाई। इसके लिए दोनों ने प्रेमनगर में आठ हजार रुपए किराये पर फ्लैट लिया था।
पुलिस ने गुरुवार तड़के लड़की के दुष्कर्म के मामले में संदीप व उसके सात युवकों को हिरासत में लिया था। छात्रा संदीप के दोस्त की गर्ल फ्रेंड थी।छात्रा ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर संदीप व उसके साथियों को ब्लैकमेल करने के लिए गैंगरेप की कहानी रची थी। पुलिस ने तकनीकी जांच के बाद सात जनों को हिरासत में ले लिया, फिर उन्हें और पीड़िता को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की तो कहानी ब्लैकमेलिंग की सामने आई। 9 जनवरी की रात उसी ने युवती को परिचित फ्लैट पर बुलाया था। यहां युवती से संदीप ने संबंध बनाए।