राज्यसभा से इस्तीफे के बाद मायावती ने आगे की रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया. इसी सिलसिले में मायावती ने आज दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई थी.
इस बैठक के बाद मायावती ने बताया कि 18 सितंबर 2017 से 18 जून 2018 तक यूपी दौरे का कार्यक्रम बनाया गया है. हर महीने की 18 तारीख को दो मंडलों में एक रैली होगी.
इसी दिन मायावती उस इलाके के अहम नेता और कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी करेंगी. 18 जून से आगे का कार्यक्रम का बाद में होगा. इस बैठक में एक बड़ा फैसला हुआ कि अब मायावती के मंच से दूसरे नेता भी भाषण देंगे.
इसलिए चुना महीने की 18 तारीख
मायावती ने बताया कि 18 की तारीख उनके लिए ख़ास है. उन्हें इसी दिन राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा. इसलिए महीने की हर 18 तारीख को पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगी. उन्होंने बताया, सितंबर से वो अपने इस अभियान की शुरुआत करेंगी.
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क्या बोलीं मायावती ?
बीजेपी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा, ”देश की जनता बीजेपी से त्रस्त है. जनता को इससे बचाने के लिए हमने ये कार्यक्रम शुरू किया है. यूपी से बाहर दूसरे राज्यों में धरना कार्यक्रम चल रहा है. मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार दलित, अल्पसंख्यकों और छोटे व्यापारियों के खिलाफ है.
क्या है पूरा मामला ?
मायावती का राज्यसभा का कार्यकाल अगले साल अप्रैल तक था. लेकिन संसद में बोलने से रोके जाने से पर 18 जुलाई को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. लेकिन उनका त्याग पत्र तीन पन्नों का था. इसलिए राज्य सभा के सभापति हमीद अंसारी ने मायावती से एक लाईन का हाथ से लिखा हुआ इस्तीफा माँगा. और फिर ये मंजूर भी हो गया.
अब राज्य सभा में बीएसपी के सिर्फ पांच सांसद ही बचे रह गए है. राजनीतिक हलकों में मायावती के इस कदम को उनके दलित वोट बैंक को मजबूत करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का खाता भी नहीं खुला था जबकि उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी केवल 18 सीटें जीत पायी. बैठक सुबह 11 बजे मायावती के दिल्ली स्थित घर 14, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर शुरु होगी.