यही नहीं वह आतंकी कृत्यों को बढ़ावा देकर भारत को और नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की आतंरिक स्थिति उसकी सेना और नेताओं को भारत को परेशान करने करने के लिए मजबूर करती रहेगी।
गुप्ता ने कहा कि भारत को शांति बरकरार रखने के निरंतर प्रयासों के बावजूद उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद से निपटने के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद का सामना करने के लिए खुफिया एजेंसियों में कई गुना निवेश बढ़ाने की अपील भी की।
बीते डोकलाम गतिरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्तर में साल 1962 के मुकाबले अब बहुत बदलाव आया है खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार में।