एनआईए के लखनऊ केंद्र से उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सम्बद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि नेपाल के जरिए होने वाली नकली नोटों की तस्करी से देश की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को खतरा हो रहा है। लखनऊ में एनआईए के केंद्र से इस तस्करी पर नियंत्रण किया जा सकेगा।सीएम योगी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया कि हर छह माह में देश के अंदर काम करने वाली हर एजेंसी की बैठक हो ताकि आपसी तालमेल बढ़े और सूचनाओं के आदान-प्रदान में आसानी हो। सीएम ने एनआईए की तर्ज पर काम कर रही एटीएस को और सशक्त करने की भी घोषण की।
एनआईए का गठन 2009 में देश में व्याप्त आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए किया गया था। एनआईए के लखनऊ परिसर का काम 18 महीनों में पूरा हुआ, जबकि इसके लिए 24 महीनों का समय निर्धारित किया गया था।
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआईए इस वक्त 165 मामलों की जांच एनआईए कर रही है।एनआईए का नाम सुनते ही आतंक फैलाने वालों में दहशत हो जाती है।
हमने संकल्प लिया है देश की सुरक्षा के लिए जो भी कठोर कदम उठाना पड़ेगा उठाएंगे। नार्थ ईस्ट उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र है, लेकिन पहले से अब तक उसमे 75 प्रतिशत कमी आयी है। वहीं नक्सलवाद में 40 फीसदी कीकमी आयी है। टेरर फंडिंग से लेकर फेक करेंसी तक कि जांच एनआईए कर रही है।
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