प्रयागराज में सोमवार सुबह उमेश पाल की हत्या में शामिल बदमाश विजय चौधरी उर्फ उस्मान पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इसके साथ ही बीते छह सालों में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की संख्या 178 पहुंच गई है।
कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर डटी रहने वाली यूपी पुलिस का बदमाशों से आमना-सामना जारी है। प्रयागराज में सोमवार सुबह उमेश पाल की हत्या में शामिल बदमाश विजय चौधरी उर्फ उस्मान पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इसके साथ ही बीते छह सालों में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की संख्या 178 पहुंच गई है।
मार्च, 2017 से अब तक पुलिस व बदमाशों के बीच साढ़े दस हजार से अधिक मुठभेड़ हुई हैं। इनमें बदमाशों का मुकाबला करते हुए 12 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। बदमाशों की गोली लगने से लगभग 1400 पुलिसकर्मी घायल भी हुए।
अगर पिछले 6 सालों की बात करें तो बीते वर्ष पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ का आंकड़ा सबसे कम रहा है। वर्ष 2018 में सर्वाधिक 41 अपराधी मारे गए थे। इससे पहले साल 2017 में 28, साल 2019 में 34, साल 2020 में 26, साल 2021 में 26 व पिछले वर्ष 2022 में 14 अपराधी मारे गए हैं।
साल 2023 में अब तक नौ बदमाश मारे गए हैं। बीते छह वर्ष में पुलिस मुठभेड़ में 23 हजार से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
योगी सरकार आखिरी पन्ना लिखेगी, जो न्याय का पन्ना होगा : सिद्धार्थ
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व इलाहाबाद पश्चिमी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को उमेश पाल हत्याकांड के संदर्भ में हो रहे इनकाउंटरों पर खुल कर बोला। कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा है कि हम मिट्टी में मिला देंगे। उनकी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है।
उमेश पाल के हत्या के प्रकरण का आखिरी पन्ना अभी नहीं लिखा गया है। यह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लिखेगी। वह पन्ना न्याय का पन्ना होगा।पूर्व मंत्री ने कहा, आप भाजपा का संकल्प पत्र उठाएंगे तो उसमें भी गुंडों और माफिया के प्रति जीरो टालरेंस नीति का उल्लेख है। उत्तर प्रदेश को गुंडों और माफिया से मुक्त किया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी ने 30 साल से जो अपराधियों और माफिया का साम्राज्य खड़ा किया था। उसे ध्वस्त किया जा रहा है। जहां तक शूटर की बात है, उस्मान ढेर हुआ है। यह प्रयागराज पुलिस की बड़ी कार्रवाई है। यह विपक्ष को भी जवाब है। अब तक वे सवाल उठा रहे थे, उन्हें जवाब मिल रहा है। अब दिन गिनने के नहीं बल्कि ठोस रिजल्ट का है।