रीना और दिनेश की शादी को 3 महीने ही हुए हैं. उन की सेक्स लाइफ मस्त है बस एक ही दिक्कत है कि सेक्स के दौरान दिनेश को कंडोम का इस्तेमाल सिरदर्द लगता है, जबकि रीना ऐसा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, जिस से वह समय से पहले गर्भवती हो जाए. वह कम से कम 2 साल तक मां नहीं बनना चाहती है.
ऐसा अकसर होता है कि सेक्स संबंधों में भी औरत को ही समझौता करना पड़ता है कि वही गर्भनिरोधक का कोई साधन इस्तेमाल करे, मर्द को तो खुला खेल चाहिए, किसी तरह की रुकावट न आए रात को बिस्तर पर.
लेकिन कंडोम केवल बच्चा रोकने के लिए ही नहीं बनाया गया है, बल्कि यह सेक्स संबंधों के दौरान होने वाली बीमारियों की भी रोकथाम करता है. एड्स जैसी जानलेवा बीमारी को यह कम कीमत की रबड़ की पतली दीवार पनपने से पहले ही रोक देती है. यह ठीक है कि बिना इस के इस्तेमाल से सेक्स का मजा शानदार रहता है पर यह है बड़े काम की चीज.
अब तो कई वैरायटी के कंडोम
कंडोम का बाजार बहुत बड़ा है और कौम्पिटिशन भी ज्यादा है इसलिए अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए कंडोम बनाने वाली कंपनियां पतले से पतले कंडोम बाजार में उतार रही हैं, ताकि उस के पहने जाने का अहसास ही न हो. इतना ही नहीं बाजार में तरह तरह के ऐसे कंडोम बिक रहे हैं जिन में डौट लगे होते हैं ताकि रगड़ का अनूठा अहसास हो.
इस के अलावा अब बाजार में अलग अलग फ्लेवर के कंडोम बिक रहे हैं जैसे स्ट्रौबेरी, बनाना, चौकलेट, वनीला, बबल गम कौफी और न जाने क्या क्या. पैकेट से इन के खुलते है माहौल में मस्त खुशबू घुल जाती है जिस से सेक्स करना और भी मादकता भरा हो जाता है.
अगर खुशबू वाले कंडोम न भाएं तो अन्फ्लेवर्ड, रिब्ड, लौन्ग लास्टिंग, बिग हेड, एक्स्ट्रा लुब्रिकेटेड, वार्म, अल्ट्रा थिन और एलोवेरा कंडोम भी बाजार में आप की राह देख रहे हैं.
सौ बात की बात, मर्दों को सेक्स संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल हौव्वा नहीं समझना चाहिए, बल्कि एक बार इस की आदत पड़ जाए तो यह सेक्स का समय भी बढ़ा देता और पत्नी खुश रहती है सो अलग.
अगर सुरक्षित होने के नजरिए से भी देखा जाए तो कंडोम का कोई बुरा असर नहीं पड़ता है. अगर कभी किसी कंडोम के इस्तेमाल से कोई एलर्जी हो तो माहिर डौक्टर की सलाह लें.