देहरादून, उत्तराखंड में मानसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है। भारी बारिश के कारण सोमेश्वर में मकान की छत गिरने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि पांच गंभीर घायल हो गए। पहाड़ों में लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण दर्जनों मार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं। बदरीनाथ हाईवे और मलारी मार्ग भले ही घंटों बाद खुल गए हों, लेकिन इन पर भूस्खलन और पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है। चमोली जिले के थांग गांव को जोड़ने वाले जोशीमठ-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के पास मोटर मार्ग पर बीते रोज भी भूस्खलन हुआ। वहीं, गौरीकुंड हाईवे बांसवाड़ा के पास बंद पड़ा है। दून-दिल्ली हाईवे भी मोहंड के पास चट्टान दरकने से करीब सवा घंटे बाधित रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले कुछ दिन प्रदेश में दून समेत विभिन्न इलाकों में गरज के साथ बौछारों के कुछ दौर हो सकते हैं।
प्रदेश में रुक-रुककर तेज बारिश का क्रम बना हुआ है, जो पर्वतीय क्षेत्रों में दुश्वारियां बढ़ा रहा है। कुमाऊं में गुरुवार को भी बारिश का क्रम बना रहा। अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर में जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर सुतोली गांव में तड़के बड़ा हादसा हो गया। एक मकान की छत गिरने से छह लोग मलबे में दब गए। जिनमें से एक महिला की गंभीर चोट लगने से मौत हो गई। जबकि उसके पति समेत पांच घायल बेस चिकित्सालय लाए गए हैं। वहीं, बागेश्वर जिले में बारिश से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बारिश से चार मोटर मार्ग बंद होने से आवागमन प्रभावित हुआ है।
इधर, तीन दिन बाद सीमा सड़क संगठन ने तमक में बंद पड़े मलारी, नीती हाईवे को खोल दिया है। हाईवे खुलने के बाद तीन दिनों से फंसे सेना, आइटीबीपी के अलावा स्थानीय वाहनों की आवाजाही कराई गई। हालांकि, यहां पर पहाड़ी से बार-बार पत्थर गिरने के कारण हाईवे बंद हो रहा है। तमक में हाईवे बंद होने के कारण सीमांत गांवों को जाने वाले व वापस आने वाले राहगीरों के लिए सीमांत गांवों के ग्रामीण मददगार साबित हुए।
नीती घाटी जाने वाले 100 के करीब राहगीरों को सुरांईथोटा, लाता, फाख्ती, पगरासू के ग्रामीणों ने न केवल आसरा दिया, बल्कि उनके खाने की व्यवस्था भी खुद ही की। जबकि नीती घाटी से वापस आने वाले 50 के करीब ग्रामीणों ने जुम्मा, तमक आदि गांवों में शरण ली। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग तोताघाटी के पास मार्ग करीब तीन दिन बाद खोल दिया गया है।