बिजवासन स्थित तेल डिपो से टैंकर में अधिक तेल भरकर उसे बाहर बेचने वाले गिरोह का सरगना निशांत महज 10 साल में करोड़पति बन गया। वह पहले इसी डिपो में बतौर चालक काम करता था। मगर अब वह खुद 20 टैंकरों का मालिक है और द्वारका की एक पॉश सोसायटी में रहता थ
पुलिस के अनुसार, मूल रूप से बुलंदशहर का रहने वाला निशांत महज 8वीं तक पढ़ा है। वर्ष 2004 में उसने दक्षिण-पश्चिम जिला के विभिन्न इलाकों में पानी का टैंकर चलाना शुरू किया। वर्ष 2005 में उसकी शादी हो गई। वह परिवार के साथ द्वारका के समीप राज नगर इलाके में रहने लगा। वर्ष 2013 में उसने बिजवासन स्थित तेल डिपो में टैंकर चलाना शुरू किया।
इस दौरान उसने वहां की पूरी जानकारी हासिल कर ली। आरोप है कि इस दौरान उसने वहां के कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर तेल चोरी करना शुरू कर दिया। इससे होने वाली मोटी कमाई से वह दिन रात तरक्की करने लगा। धीरे-धीरे कर उसने लगभग 20 टैंकर खरीद लिए।
इनमें से लगभग दस टैंकर उसने तेल डिपो में लगा रखे थे। पुलिस की जांच में अब तक इन टैंकरों में से केवल दो में गड़बड़ी पाई गई है। इन टैंकरों के अलावा, उसके लगभग दस टैंकर निजी कंपनियों में भी लगे हुए थे।
पुलिस ने इन टैंकरों के बारे में जानकारी एकत्रित कर इन निजी कंपिनयों को भी पूरे फर्जीवाड़े से अवगत करवा दिया है। फिलहाल निशांत न्यायिक हिरासत में है।
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