अक्सर स्मार्टफोन 4G और 3G कनेक्शन के बावजूद अच्छी इंटरनेट स्पीड नहीं देते है. एेसा डिवाइस के इंटरनेट स्लो होने की वजह से भी होता है. भारत में पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो मोबाइल नेटवर्क में काफी बदलाव आया है. आज लगभग हर टेलिकॉम कंपनी 4जी सर्विस दे रही है. अधिकतर क्षेत्रों में 4जी नेटवर्क उपलब्ध कराया जा रहा है. 4जी सर्विस के बाद भी इंटरनेट ब्राउजिंग की स्पीड में कोई बदलाव नहीं आया है.
मौजूदा खबर अनुसार 4जी नेटवर्क पर पेज को लोड होने में करीब 14 सेकंड्स लगते हैं. ऐसे में अगर आप फास्ट ब्राउजिंग करना चाहते हैं तो आपको हाई-स्पीड इंटरनेट की जरुरत पड़ती है. मोबाइल फोन में ब्राउजिंग तेज करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और MIT के रिसर्चर ने कई तरीके खोजें हैं. इसके लिए एक सॉफ्टवेयर के बारे में बताया गया है जिसका नाम व्रूम है. इसके जरिए यूजर्स ब्राउजिंग स्पीड को 50 फीसद तक ज्यादा बढ़ा सकते हैं.
जियो फोन की डिलीवरी में होगी देरी, जानिए कब मिलेगा फोन ?
आखिर कैसे काम करता है ये व्रूम सॉफ्टवेर !!
- बता दें कि व्रूम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो प्रॉक्सी सर्वर्स को बेहद तेजी से ठीक करता है.
- इस सॉफ्टवेर से सिक्योरिटी और प्राइवेसी समस्याओं को सुलझाया जा सकता है.
- इस सॉफ्टवेर पर 100 से ज्यादा लोकप्रिय वेबसाइट्स को लोड करके देखा गया है.
- इसके चलते व्रूम लोडिंग पेज को करीब 50 फीसद ज्यादा तेज लोड कर सकता है.
आखिर कैसे होता है इंटरनेट स्लो !!
- स्लो इंटरनेट का मुख्य कारण यह है कि जब कोई यूजर मोबाइल डिवाइस के लिए ऑप्टिमाइज पेज पर जाता है तो ब्राइजर को करीब 100 url डिसकवर, डाउनलोड और प्रोसेस करने पड़ते हैं.
- बता दें कि आज के नए पोर्टल्स पर यह प्रोसेस काफी स्लो काम करता है.
4G के बाद अब 5G हो सकता है जल्दी लॉन्च !!
बताते चलें कि 4जी नेटवर्क के बाद अब भारत में 5जी की तैयारियां शुरु हो गई हैं. अप्रैल की शुरुआत में एयरटेल और बीएसएनएल ने अपने ग्राहकों को 5G नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नोकिया के साथ मिलकर एक नई रणनीति तैयार करने की घोषणा की थी. नोकिया के मार्किट हेड संजय मलिक ने बताया है कि हमारा मकसद यहां 5G लाना है, उसके लिए किन चीजों की जरूरत है, यह देखा जाएगा. उन एप्लिकेशन की पहचान की जाएगी, जो टारगेट ऑडियंस के काम आ सकते हैं.