जीएसटी लागू होने से इसके अनुपालन में आ रही शुरुआती दिक्कतों के चलते जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए कारोबारी आत्मविश्वास में पिछले साल के मुकाबले 13 फीसद की कमी आई है।
डून एंड ब्रैडस्ट्रीट कंपोजिट बिजनेस ऑप्टीमिज्म इंडेक्स से यह संकेत मिलता है। इस साल जुलाई के लिए यह इंडेक्स 72.1 के स्तर पर रहा जो पिछले साल के मुकाबले 13.3 फीसद नीचे है।
सर्वे एजेंसी के भारत में मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष सिन्हा ने कहा कि सर्वे में जवाब देने वालों से जीएसटी के बारे में अंक देने को कहा गया तो इनपुट टैक्स क्रेडिट, परिवहन की सहूलियत और जीएसटी सिस्टम की खूबियों को समायोजित करके इससे जुड़ी शुरुआती दिक्कतों को खास अहमियत दी।
आज है आयकर दिन टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इन बातों पर ध्यान दें
मोटे तौर पर बड़ी कंपनियां जीएसटी लागू करने के लिए तैयार दिखीं लेकिन छोटे व मझोले कारोबारियों की तैयारियां पूरी नहीं हैं।
सिन्हा ने कहा कि शुरुआती दिक्कतों ने सर्वे की अवधि में कारोबारी आत्मविश्वास कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा भविष्य में मांग को लेकर चिंता और कमजोर निवेश से भी कारोबारी भरोसा प्रभावित हुआ।
पिछले साल के मुकाबले इस साल की आलोच्य अवधि में छह में से चार आशावादी संकेतकों में गिरावट रही। जुलाई-सितंबर 2016 के मुकाबले इस साल समान अवधि में बिक्री, शुद्ध लाभ, नये ऑर्डर और बिक्री मूल्य पर भी अंकों में कमी दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के अनुपालन से जुड़े लघुकालिक मसले इस साल सुलझने की उम्मीद है। इसके बाद उत्पादन प्रक्रिया नई टैक्स व्यवस्था के अनुरूप बदल जाएगी।
इससे अर्थव्यवस्था के विकास और रेटिंग की संभावनाओं से जीएसटी का फायदा दिखाई देने लगेगा। सर्वे एजेंसी के अनुसार अच्छे मानसून से कारोबारी भरोसा बढ़ेगा क्योंकि मानसून से ग्र्रामीण क्षेत्रों में मांग तेज होगी।
इस सूचकांक से कारोबारी समुदाय की नब्ज समझने का प्रयास होता है और यह सूचकांक तिमाही आधार पर जारी होता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal