नई दिल्ली, 60 साल मे रिटायर होने की मानसिकता अब युवाओं को नही रास आ रही है. उन्होने इसका सरल, प्रभावी और सकारात्मक विकल्प तलाश लिया है. ये है Fire यानि Financial Independance, Retire early आंदोलन यानी वित्तीय आज़ादी, जल्दी सेवानिवृत्ति।
टीवी न्यूज मे क्रांतिकारी परिवर्तन, अब समाचार पढ़ते नजर आयेंगे, ये रोबोट न्यूज़ एंकर
बदायूं में भीषण सड़क हादसे मे, छह की मौत 19 घायल
फ़ायर (FIRE) आंदोलन के बुनियादी सिद्धांत के अनुसार, उम्र के 20 वर्ष और 30 वर्ष के दशक में, जितना संभव हो उतना कम खर्च करें. कोशिश करें कि अपनी आमदनी का आधा या उससे ज़्यादा बचत कर लें. जिससे कि 30 वर्ष के दशक या हद से हद 40 वर्ष के दशक में रिटायर हो जाने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें. जल्दी रिटायर होने के लिए कई लोग ज़्यादा बचत करते हैं और बस उतना ही खर्च करते हैं जितने में काम चल जाए. इसके लिये गैरज़रूरी खर्चों में उतनी ही कटौती करें जिससे तकलीफ़ न हो. इसके लिये फार्मूला है कि अपनी जीवनशैली को मितव्ययी बनायें , वंचित नहीं.
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, छ्त्तीसगढ़ मे नक्सलियों का बड़ा हमला, 5 मरे
न्यूजीलैंड के खिलाफ, विश्व टी-20 चैंपियनशिप में उतरेगी, भारतीय महिला क्रिकेट टीम
जल्दी रिटायर होने का मतलब यह नहीं है कि ये लोग कोई काम नही करेंगे. उनका फ़ोकस वित्तीय आज़ादी पर रहता है. लक्ष्य सादा जीवन जीते हुए बचत करने का होता है जिससे आने वाले दशकों में कॉरपोरेट नौकरी में तनख़्वाह बढ़ोतरी और तरक्की के पीछे भागने और बैंक के कर्ज़ को चुकाने की चिंता किए बगैर कुछ और कर सकें.
विश्व टी-20 चैंपियनशिप के लिये, ये है भारतीय महिला क्रिकेट टीम
96 साल की दादी ने परीक्षा में किया टाप, उपहार मे मिला लैपटॉप, क्योंकि ये हैं इरादें
नौकरी करते हुये कई लोगों को लगता है कि मैं सिस्टम में फंस गया हूं. जैसे मैं किसी जेल में हूं और एक ऐसी जीवनशैली को बनाए रखने के लिए काम कर रहा हूं जिसे मैं पसंद नहीं करता. यह आंदोलन उन्हें इस बात की आज़ादी देता है कि वे जो करना चाहते हैं वे करें यानि अब वह आर्थिक चिंता से मुक्त हैं. स्वाभाविक है जल्द रिटायरमेंट के बाद आप अपनी पसंद से अपना काम चुनते हैं. जैसे कुछ लोग समाज सेवा, पत्रकारिता, राजनीति, घूमना आदि पसंद करते हैं. लेकिन अपनी नौकरी के कारण अपने मनका काम नही कर पातें हैं.
आठ नवंबर, दो साल पहले, आज के दिन हुयी थी नोटबंदी
एक साल और बढ़ाया गया, लोकसभा महासचिव का कार्यकाल
वैसे तो ये विचार कई वर्षों से मौजूद रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन समुदायों ने पिछले एक दशक में फ़ायर (FIRE) आंदोलन की जड़ें जमा दी हैं. यह सबसे पहले अमरीका में लोकप्रिय हुआ था. इसकी जड़ें 1990 के दशक के न्यूज़लेटर ‘दी टाइटवाड’ गैजेट में हैं. इस न्यूज़लेटर का आखिरी पेपर संस्करण दिसंबर 1996 में छपा था, लेकिन किफ़ायत का यह आंदोलन ऑनलाइन चलता रहा, खासकर 2008 के वित्तीय संकट के लंबे हैंगओवर के दौरान.
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव, भाजपा की एक और सूची जारी
तीन साल की बच्ची के मुंह में सुतली बम रख कर जलाया, हालत गंभीर
आज दुनिया भर के हजारों लोग इसके पॉडकास्ट और ब्लॉग के सब्सक्राइबर हैं. वे कम खर्च में ज़िंदगी कैसे बिताई जाए, इस पर चर्चा करते हैं.फ़ायरड्रिल नाम के एक पॉडकास्ट के हर एपिसोड को 7000 से अधिक बार डाउनलोड किया गया है और यह अमरीका में एप्पल की निवेश पॉडकास्ट की टॉप-100 सूची में शामिल है.ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, नीदरलैंड्स और भारत में रेडिट पर कुछ विशिष्ट मंच हैं, जहां लोग टिप्स शेयर करते हैं और सलाह मांगते हैं.
मुख्य चुनाव अधिकारी को न हटाने से नाराज जनता के आगे, बेबस हुये मुख्यमंत्री
मुलायम सिंह ने दीपावली पर, भाई शिवपाल सिंह को दिया, ये खास तोहफा
इन समुदायों के युवा सदस्य अपनी रिटायरमेंट की बचत को लेकर जुनूनी हैं. वे ट्रेंड को पलट रहे हैं. 21वीं सदी में जवान हुए ज्यादातर मिलेनियल्स रिटायरमेंट के लिए बचत नहीं कर रहे हैं. अमरीका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन रिटायरमेंट सिक्योरिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दो तिहाई मिलेनियल्स ने रिटायरमेंट के लिए कुछ नहीं बचाया है. यूएस फेडरल रिजर्व के आंकड़े दिखाते हैं कि 35 साल से कम के 58 फ़ीसदी लोगों के पास रिटायरमेंट खाता नहीं है.
मुख्य चुनाव अधिकारी को न हटाने से नाराज जनता के आगे, बेबस हुये मुख्यमंत्री
मुलायम सिंह ने दीपावली पर, भाई शिवपाल सिंह को दिया, ये खास तोहफा
फायर आंदोलन का मुख्य तत्व यह है कि आर्थिक आजादी प्राप्त कर लेने के बाद, रिटायर हो कर भी मैं रिटायर नहीं हूं. मेरे पास अब भी काम है, लेकिन मुझे अपनी पसंद का काम चुनने की आज़ादी है, भले ही उससे ज़्यादा पैसे ना मिलें.” क्योंकि अब जब हम काम करना बंद कर देंगे, तब हमारी बचत और हमारा निवेश हमें ज़िंदगी जीने लायक आमदनी दिलाएगा. इसलिये फ़ायर (FIRE) का मतलब सिर्फ फाइनेंस नहीं है. यह आपको और अधिक जिम्मेदार बनाता है, अपने लिये, परिवार के लिये, समाज के लिये और देश व दुनिया के लिये. समाज मे सहयोग, सेवा और मित्रता बढ़ाता है.
अब इलेक्ट्रिक साइकिल का लीजिये आनंद, जानिये इसके खास फीचर्स
प्रियंका चोपड़ा की शादी का जश्न शुरू, बैचलरेट पार्टी के बाद पजामा पार्टी और…
मायावती ने जनता की खुशहाली के लिये, सरकार को दी ये खास सलाह
अटल इकाना स्टेडियम में हुआ जोरदार धमाका, बाल-बाल बचे ये बड़े खिलाड़ी
‘नवाबों के शहर’ में, टीम इंडिया ने अपने फैंस को दिया, दिवाली गिफ्ट
नोटबंदी के बाद वापस आये नोटों को लेकर, भारतीय रिजर्व बैंक ने किया बड़ा खुलासा ?