ज़रा-हटके

मंडप में दुल्हन ने करवाया कुछ ऐसा नहीं कर पाएंगे आप भी

अब तक आपने दुल्हन के शादी से इंकार करने पर बारात लौटने की खबरें पढ़ी, सुनी और देखी होंगी। लेकिन एक दुल्हन ही मंडप छोड़कर वापस लौट जाए, एेसा मामला पहली बार सामने आया है। दुल्हन को अपने होने वाले डाक्टर पति की मंडप के नीचे कही गई एक बात इतनी बुरी लगी कि वह वहां से उठकर चली गई। फिर मनाने-समझाने का दौर शुरू हुआ लेकिन वह राजी नहीं हुई। मामला थाने और एसपी तक पहुंचा फिर भी बात नहीं बनी और दुल्हन अपने घरातियों को लेकर विवाह स्थल से रवाना हो गई। एक-दूसरे से करते थे प्यार मनोज और युवती के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसके बावजूद उसके अचानक सात फेरे लेने से इंकार करने पर रिश्तेदार दंग रह गए। क्योंकि युवती की ही पसंद होने के कारण राज से उसके परिजन शादी करने के लिए तैयार हुए थे। वे खंडवा से बैतूल बेटी की शादी करने ही आए थे। क्या हुआ था सारनी नगर के पाटाखेड़ा में 28 मई 2018 रविवार रात को मनोज और उसकी प्रेमिका के फेरे होने वाले थे। खुशियों का माहौल था। लेकिन दूल्हा मनोज एेसी हरकत कर गया कि खुशियों का माहौल परेशानी और चिंता में बदल गया। दुल्हन ने सात फेरे लेने से इनकार कर दिया। रिश्तेदारों के पूछने पर युवती ने बताया कि मेरा होने वाले जीवन साथी की हरकत देखने के बाद अब मैं उससे शादी नहीं कर सकती हूं। क्योंकि उसने शनिवार रात गीत, संगीत का कार्यक्रम चल रहा था मनोज ने शराब के नशे में झगड़ा कर लिया. परिजनों से विवाद किया और अपशब्द भी कहे। मैं एेसे शख्स के साथ अपनी जिंदगी नहीं गुजार सकती हूं। इसके बाद वह बिना विवाह किए अपने परिवार के साथ खंडवा वापस लौट गई। बताया जाता है कि घर वापस लौटते समय युवती ने सारनी थाना प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान को लिखित आवेदन भी दिया है जिसमें अपनी सहमति से रिश्ता तोडऩे की बात कही है। इसके बाद मामला चर्चा का विषय बना। इस संबंंध में सारणी थाना प्रभारी एमएस चौहान ने बताया कि दोनों परिवार ने आपसी सहमति से रिश्ता तोड़ा है।

अब तक आपने दुल्हन के शादी से इंकार करने पर बारात लौटने की खबरें पढ़ी, सुनी और देखी होंगी। लेकिन एक दुल्हन ही मंडप छोड़कर वापस लौट जाए, एेसा मामला पहली बार सामने आया है। दुल्हन को अपने होने वाले …

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इस स्टेशन के बाहर मिलती हैं सिर्फ 75 रुपये में मनचाही लडकिय 200 वाला पैकेज हिला देगा आपको

देश में कई जगह महिलाएं देंह व्यापार का धंधा कर रही हें तो पुरुष अपनी सेक्स की भूख मिटा रहा और अपना शौक भी पूरा कर रहा है ! यह मामला उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती का है ! बस्ती …

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ऐसे पुरुषों को ज्यादा पसंद करती हैं महिलाएं करवा लेती हैं ये चीज़

शायद आप नहीं जानते कि आपकी जिंदगी में बॉडी लैंग्वेज कितना महत्वपूर्ण किरदार निभाता है. आपके शब्द आपकी बात कहने के लिए जितने जरूरी होते हैं उससे कहीं ज्यादा काम आपकी बॉडी लैंग्वेज करती है. हर लड़की अपने होने वाले …

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दुनिया में सबसे कीमती क्या है, इस कहानी में मिलेगा जवाब चाहिए तो पढ़े रोचक खबर

दुनिया में सबसे कीमती चीज क्या है? इस सवाल का जवाब हर व्यक्ति अपने हिसाब से देता है। किसी के लिए धन-दौलत जरूरी है, तो किसी के लिए दूसरी भौतिक वस्तुएं। बहरहाल, यह हम एक कहानी बताएंगे, जिसे पढ़कर इस सवाल का सही-सही जवाब मिल जाएगा। एक राजा समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करवाता था और विजेताओं को सम्मान तथा ईनाम देता था। राज्य के लोग इन प्रतियोगिताओं में खुलकर हिस्सा लेते थे। इससे उनमें हमेशा उत्साह बना रहता था। एक बार राजा ने राजपुरुष के चयन की प्रतियोगिता रखी। उसने एक वाटिका बनवाई जिसमें हर तरह की वस्तुएं रखी गईं लेकिन उन पर उनका मूल्य नहीं लिखा था। राजा ने ऐलान किया कि जो व्यक्ति इनमें से सबसे कीमती वस्तु लेकर वाटिका से बाहर आएगा, उसे इस साल का राजपुरुष घोषित किया जाएगा। लोग वाटिका में जाते और अपनी समझ से सबसे मूल्यवान वस्तु उठा लाते। कोई हीरे-जवाहरात लाया तो कोई पुस्तक उठाकर लाया, क्योंकि उसके लिए ज्ञान अधिक मूल्यवान था। एक गरीब रोटी उठाकर लाया क्योंकि उसकी नजर में रोटी ही मूल्यवान थी। एक भक्त ईश्वर की मूर्ति उठाकर लाया। तभी एक योगी आया। वाटिका में काफी देर घूमने के बाद वह खाली हाथ बाहर निकला। राजा ने सभी व्यक्तियों द्वारा लाई गई वस्तुओं को देखा। जब योगी की बारी आई तो राजा ने पूछा, तुम क्या लाए हो? उसने कहा, 'मैं संतोष लाया हूं, महाराज।' राजा ने पूछा- 'तुम्हारा संतोष क्या सबसे मूल्यवान है'? योगी ने जवाब दिया- 'हां महाराज, इस वाटिका में आपने जितनी भी वस्तुएं रखी हैं, उन्हें प्राप्त कर मनुष्य को खुशी तो होगी, पर वह क्षणिक होगी। इसे हासिल कर लेने के बाद फिर कुछ और पाने के लिए मन बेचैन हो उठेगा। लेकिन जिसका पास सच्चा संतोष है, वह सभी इच्छाओं से ऊपर होगा और सुखी रहेगा।' राजा ने उस योगी को ही राजपुरुष घोषित किया।

दुनिया में सबसे कीमती चीज क्या है? इस सवाल का जवाब हर व्यक्ति अपने हिसाब से देता है। किसी के लिए धन-दौलत जरूरी है, तो किसी के लिए दूसरी भौतिक वस्तुएं। बहरहाल, यह हम एक कहानी बताएंगे, जिसे पढ़कर इस …

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शनिवार को नजर आए ये तीन, तो समझिए कुछ अच्छा होने वाला है कमाल का

बहुत से लोग इस बात का खास ध्यान रखते हैं कि किसी अच्छे काम या घर से ऑफिस के लिए निकलते ही उनका सामने किससे हुआ? कोई गाय को शुभ मानता है तो कोई कहता है कि किसी महिला का बर्तन में पानी लिए सामने आना अच्छा होता है। शनिवार को लेकर भी ऐसी कुछ मान्यताएं हैं। आमतौर पर लोग शनि देव से खौफ खाते हैं, लेकिन यहां हम बताएंंगे कि शनिवार के दिन यदि आप घर से निकल रहे हैं और आपका सामना नीचे बताए गए लोगों या पशु से होता है तो समझिए वह दिन आपके लिए लकी है और आपके सारे काम पूरे होने वाले हैं - शनिदेव को काला कुत्ता पसंद है। यदि घर के बाहर निकलते ही आपका सामना किसी काले कुत्ते से हुआ है तो आपको मन ही मन प्रसन्न होना चाहिए। धर्म ग्रंथों में लिखा है कि शनिवार को काले कुत्ते के रोटी खिलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। वहीं कुछ लोग सफाई करती हुई महिला का सामने आना भी अच्छा मानते हैं। कोई पुरुष सफाईकर्मी भी झाड़ू लगाता हुआ बाहर मिल जाए तो उसे कुछ न कुछ दान जरूर दें। आपका काम बनेगा। यूं तो आम जीवन में लोग भिखारियों के कतराते हैं, लेकिन शनिवार को आप कहीं जा रहे हैं और कोई भिखारी नजर आ जाए, तो मान लिए यह शुभ संकेत है। ऐसे किसी भिखारी या निर्धन को दान देकर आगे बढ़ जाए, जानकार करते हैं कि आप पर शनिदेव की कृपा बनी रहेगी। शनिदेव को तेल चढ़ाने के दौरान रखें इन बातों का ध्यान लोहे के बर्तन से चढ़ाएं तेल - अक्सर शनि मंदिरों के बाहर प्लास्टिक की बोतलों में या स्टील की कटोरी में तेल मिलता है। लोग इसे वैसे ही ले जाकर चढ़ा देते हैं। इससे पूरा लाभ नहीं मिलता है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि लोह के बर्तन में तेल को डाला जाए, फिर उसे शनि प्रतिमा पर चढ़ाया जाए। तेल में चेहरा देखें - शनिदेव को तेल चढ़ाते वक्त सबसे महत्वपूर्ण बात कि तेल चढ़ाने से पहले तेल में अपना चेहरा देखें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जातक पर चल रहे संकट और दोषों को दूर करते हैं। सफाई का रखें ध्यान - यदि आप घर से तेल लेकर जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि वह साफ और स्वच्छ हो। उसे गंदे हाथों से नहीं छुआ गया हो और घर का खाना बनाने के दौरान उसका इस्तेमाल नहीं किया गया हो।

बहुत से लोग इस बात का खास ध्यान रखते हैं कि किसी अच्छे काम या घर से ऑफिस के लिए निकलते ही उनका सामने किससे हुआ? कोई गाय को शुभ मानता है तो कोई कहता है कि किसी महिला का …

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इस्लाम के दूसरे पैगंबर हजरत शीश की मजार हैं अयोध्या में

ईद के मौके पर इस्लामिक आस्था फलक पर है और इसी के साथ रामनगरी अयोध्या से इस्लाम का जुड़ाव परिभाषित हो रहा है। यह जुड़ाव सातवीं शताब्दी में हजरत मुहम्मद के दौरे के बहुत पहले का है। इस्लामिक परंपरा में प्रथम पैगंबर के रूप में हजरत आदम की प्रतिष्ठा है, जिसे सनातन परंपरा मनु के नाम से जानती है। इन्हीं हजरत आदम की औलादों में हजरत शीश दिव्य गुणों से युक्त थे और उन्हें दूसरे पैगंबर का गौरव हासिल है। रामनगरी के पौराणिक स्थल मणिपर्वत के पृष्ठ में हजरत शीश की मजार स्थित है। हजरत शीश की दरगाह के गद्दीनशीन मौलाना आसिफ के अनुसार, यहां हिदू-मुस्लिम समान रूप से मन्नत मांगने आते हैं। आध्यात्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्र उर्फ जय सिह चौहान के अनुसार इस्लामिक परंपरा वस्तुतः अनादि सनातनी धारा का ही परिष्कृत संस्करण है और इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद से पूर्व अयोध्या से जुड़ती इस्लामिक परंपरा इस सच्चाई की पुष्टि करती है। सनातनी धार और इस्लाम से रिश्तों की सुगंध अयोध्या कोतवाली के पीछे नौगजी मजार पर भी महसूस की जा सकती है। नौगजी की मजार हजरत नूह के पौत्र से समीकृत की जाती है, इस्लामिक परंपरा जिन्हें हिदुस्तान का निर्माता मानती है। इसी विरासत के अनुरूप मध्यकाल में सूफी संतों की पूरी पांत-पीढ़ी रामनगरी की ओर उन्मुख नजर आती है। ऐसे ही सूफी फकीरों में हजरत इब्राहिम शाह का जिक्र अहम है। उनकी स्मृति स्वर्गद्वार स्थित हजरत इब्राहिम शाह की दरगाह से प्रवाहमान है। मान्यता है कि हजरत की दर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। यदि सच्चे दिल से पुकार उठती है तो दुआ भी मिलनी तय मानी जाती है। ऐतिहासिक विवरण के अनुसार हजरत ताशकंद के शाहजादे थे पर किशोरावस्था से ही वह दुनियादारी से इतर दुनिया के मालिक से मुहब्बत की ओर उन्मुख हुए और राजकीय वैभव-विलास को तिलांजलि दे लंबी यात्रा करते हुए अयोध्या आ पहुंचे। मुस्लिम लीग के प्रांतीय अध्यक्ष और सूफी संतों के मुरीद डॉ. नजमुल हसन गनी के अनुसार हजरत का अयोध्या आना महज संयोग नहीं था। हकीकत तो यह है कि अयोध्या की जमीन बहुत हसीन और पाक है, यहां कदम नहीं पलक के बल चलना चाहिए और इस रूहानी सच्चाई से ही प्रेरित हो हजरत इब्राहिम ने पवित्र नदी सरयू के तट पर स्थित उस स्थान पर धूनी रमाई होगी, जिसे सदियों से अड़गड़ा नाम से जाना जाता है। इब्राहिम शाह की गणना शेख मोइनुद्दीन चिश्ती, निजामुद्दीन औलिया, किछौछा में आराम फरमा हजरत जहांगीर समनानी जैसे शीर्षस्थ सूफी संतों में होती रही है।

ईद के मौके पर इस्लामिक आस्था फलक पर है और इसी के साथ रामनगरी अयोध्या से इस्लाम का जुड़ाव परिभाषित हो रहा है। यह जुड़ाव सातवीं शताब्दी में हजरत मुहम्मद के दौरे के बहुत पहले का है। इस्लामिक परंपरा में …

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ऐसे आपका घर बन जाएगा मंदिर और बनी रहेगी शांति

जिंदगी में परेशानियां आती रहती हैं और सबसे खास बात यह है कि बड़ी से बड़ी परेशानी का हल बहुत सामान्य होता है। हम यहां एक व्यापारी की कहानी बता रहे हैं, जिसने त्रस्त होकर संन्यास लेने का मन बना लिया था, फिर उसे ऐसा ज्ञान मिला कि उसका घर और दुकान मंदिर जैसे लगने लगे। एक बार की बात है मगध के व्यापारी को व्यापार में बहुत लाभ हुआ। इसके बाद से वह अपने अधीनस्थों से अहंकारपूर्ण व्यवहार करने लगा। व्यापारी का अहंकार इतना प्रबल था कि उसके देखते हुए उसके परिजन भी अहंकार के वशीभूत हो गए। जब सभी के अहंकार आपस में टकराने लगे तो घर का वातावरण नर्क की तरह हो गया। दुःखी होकर एक दिन वह व्यापारी भगवान बुद्ध के पास पहुंचा और बोला- 'भगवन्! मुझे इस नर्क से मुक्ति दिलाइए। मैं भी भिक्षु बनना चाहता हूं।' भगवान बुद्ध गंभीर स्वर में बोले, 'अभी तुम्हारे भिक्षु बनने का समय नहीं आया है।' उन्होंने कहा कि भिक्षु को पलायनवादी नहीं होना चाहिए। जैसे व्यवहार की अपेक्षा तुम दूसरों से करते हो, स्वयं भी दूसरों के प्रति वैसा ही व्यवहार करो। ऐसा करने से तुम्हारा घर ही मंदिर बन जाएगा।' उस व्यापारी ने भगवान बुद्ध की सीख को अपनाया और घर का वातावरण स्वतः बदल गया। आप दूसरों के साथ वह व्यवहार न करो, जो तुम्हें अपने लिए पसंद नहीं। व्यापारी का अहंकार इतना प्रबल था कि उसके देखते हुए उसके परिजन भी अहंकार के वशीभूत हो गए।

जिंदगी में परेशानियां आती रहती हैं और सबसे खास बात यह है कि बड़ी से बड़ी परेशानी का हल बहुत सामान्य होता है। हम यहां एक व्यापारी की कहानी बता रहे हैं, जिसने त्रस्त होकर संन्यास लेने का मन बना …

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दूर-दूर से आते हैं लोग पूजा करने,मंदिर में हैं लाखों की संख्या में चमगादड़

आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसी जगह है जहां पर लोग चमगादड़ों की पूजा करते हैं और उनकी पूरी आस्था इसमें बसी है। बिहार के वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड के सरसई गांव में चमगादड़ों की न केवल पूजा होती है, बल्कि लोग मानते हैं कि चमगादड़ उनकी रक्षा भी करते हैं। सरसई गांव के इस अनोखे मंदिर में लोग दर्शन करने दूर-दूर से आते हैं। लोगों की मान्यता है कि चमगादड़ों का जहां वास होता है, वहां कभी धन की कमी नहीं होती। चमगादड़ समृद्धि की प्रतीक देवी लक्ष्मी के समान हैं। यह मंदिर 50 एकड़ में फैला है। इसमें एक शिवालय भी है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस प्राचीन मंदिर का निर्माण साल 1402 में करवाया गया था जहां अब लाखों की संख्या में चमगादड़ हैं। ये चमगादड़ हर पेड़ पर लटके नजर आ जाएंगे। इतनी बड़ी तादाद में चमगादड़ होने के बाबजूद भी गांववालों को इनसे कोई परेशानी नहीं हैं। दिलचस्प बात यह है कि ऐसा लगता है जैसे गांव के हर शख्स को ये चमगादड़ जानते हैं। जब कोई अनजान लोग गांव में प्रवेश करता है तो वह चमगादड़ शोर करने लगते हैं। इन मंदिरों में भी है चमगादड़ों का डेरा - बिहार के सुपौल जिले के लहरनियां गांव में चमगादड़ों के लिए 50 एकड़ में बगीचा लगाया गया है। - ग्वालियर के किले में बने सास-बहू के मंदिर में भी हजारों की संख्या में चमगादड़ों का डेरा है। - होशंगाबाद स्थित सेठानी घाट के सामने स्थित जोशीपुर जर्रापुर घाट पर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर बना हुआ है। इसी के पास चमगादड़ पेड़ पर रहते हैं। - बिहार के मुजफ्फरपुर से 10 किमी. पूर्व मुशहरी प्रखंड का छपरा मेघ गांव चमगादड़ों के लिए मशहूर है। - चित्रकूट से 18 किमी दूर गुप्त गोदावरी में दो गुफाएं हैं। इन गुफाओं में हजारों की संख्या में चमगादड़ रहते हैं जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। - उत्तर प्रदेश हमीरपुर जिले के चौरा देवीमंदिर में लोग चमगादड़ों की पूजा कर इनसे अपने लिए वरदान मांगते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसी जगह है जहां पर लोग चमगादड़ों की पूजा करते हैं और उनकी पूरी आस्था इसमें बसी है। बिहार के वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड के सरसई गांव में चमगादड़ों की न …

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फीफा वर्ल्ड कप 2018 का मेजबान रूस खूबसूरती में नहीं है किसी देश से कम, ये हैं खूबसूरत डेस्टिनेशन

आज से फुटबॉल वर्ल्ड कप 2018 की शुरुआत हो रही है और इस साल रूस कर रहा है फीफा की मेजबानी। दुनियाभर के फुटबॉल फैन्स की नजर एक महीने के लिए रूस पर ही टिकी रहेगी।  ऐसे में अगर आप भी विदेश घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आप रूस जा सकते हैं। मैच के साथ रूस भी घूम सकते हैं। आइए, जानते हैं रूस के जिन शहरों में होने वाले है फीफा के मैच, वहां क्या है खास।  मॉस्को   मॉस्को रूस की राजधानी है। आप इसे रूस का दिल भी कह सकते हैं। मॉस्को में देखने के लिए इतना कुछ है कि आप कंफ्यूज हो जाएंगे कि कहां से शुरू करें और क्या-क्या देखें। रूस के फेमस आइकन्स में से एक रेड स्क्वेयर, मॉस्को क्रेमलिन, सेंट बेसिल कैथेड्रल और लेनिन की समाधी जैसी चीजें मॉस्को में ही हैं। म्यूजियम्स के शौकीन हैं तो स्टेट हिस्टॉरिकल म्यूजियम, पुशकिन स्टेट म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट्स और बोल्शोई थिअटर जाना न भूलें सेंट पीटर्सबर्ग  सेंट पीटर्सबर्ग को रूस की शाही राजधानी कहा जा सकता है क्योंकि यह एक वैभवशाली शहर है जहां मौजूद हैं रूस के कई शाही महल और म्यूजियम्स। यह रूस का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जिसका सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व बहुत अधिक है। टूरिज्म की दृष्टि से भी यह शहर काफी फेमस है और बड़ी संख्या में पर्यटक यहां हॉलिडे मनाने आते हैं। काजन  मॉस्को से भी पुराना शहर है काजन जिसकी स्थापना 1005 में हुई थी। 2018 का फुटबॉल वर्ल्ड कप होस्ट करने के साथ ही इस शहर में पहले भी कई स्पोर्ट्स इवेंट्स का आयोजन हो चुका है जिस वजह से इस शहर को स्पोर्ट्स कैपिटल ऑफ रशिया के नाम भी जाना जाता है।  यहां काजन क्रेमलिन, कुल शरीफ मस्जिद जैसी जगहें देखने लायक हैं। सामारा रूस का शहर सामारा 2 नदियों सामारा और वोल्गा के मिलाप वाली जगह पर बसा है। इस शहर में कई खूबसूरत कैथेड्रल्स और रूस की सबसे बड़ी मस्जिद है। रूस के पहले व्यक्ति यूरी गैगरीन को स्पेस में ले जाने वाले रॉकेट वोस्तॉक 1 का निर्माण सामारा शहर में ही हुआ था।

आज से फुटबॉल वर्ल्ड कप 2018 की शुरुआत हो रही है और इस साल रूस कर रहा है फीफा की मेजबानी। दुनियाभर के फुटबॉल फैन्स की नजर एक महीने के लिए रूस पर ही टिकी रहेगी।  ऐसे में अगर आप …

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अपने दोस्त से पैसे के बारे में आज ही पूछें ये 5 सवाल…

रिलेशनशीप हो या फिर करियर, हर मामले में आपका खास दोस्त आपका साथ देता ही होगा. कई बार उनकी नसीहतों से आप इरिटेट होते होंगे, तो कई बार उन्हीं टिप्स पर चलकर आपको कई फायदे भी मिले होंगे. लेकिन क्या आपके दोस्त पैसे और निवेश के मामले में भी आपको एडवाइज देते हैं? निश्चित रूप से कुछ ऐसे मनी टिप्स होंगे जो आप नहीं जानते होंगे लेकिन उन्हीं टिप्स को फॉलो करके आपका दोस्त आपसे बेहतर काम कर रहा होगा. यह जानने के लिए कि क्या आपका दोस्त सच में पैसे का बेहतरीन इस्तेमाल कर रहा है, आज ही अपने दोस्त से ये सारे सवाल जरूर पूछें... 1) आपके दोस्त अपनी इनकम का कितना पर्सेंट बचत करते हैं. अगर वे सच में बचत करते हैं तो उन्होंने कितनी जल्दी बचत करना शुरू किया था? : हम हमेशा नोटिस करते हैं कि हमारे दोस्त कितना खर्च करते हैं. आज तक हमने कितनी बार पूछा होगा कि आखिर वे बचाते कितना हैं? भले ही आपके दोस्त आपको अपनी सही इनकम न बताएं लेकिन वे अपनी बचत का पर्सेंटेज जरूर बता सकते हैं. 2) टैक्स बचाने के लिए आपके दोस्त कौन से तरीके अपनाते हैं? : आपका दोस्त निश्चित रूप से टैक्स बचाने के लिए इंश्योरेंस और होम लोन से बेहतर स्कीमों जैसे ELSS टैक्स सेविंग फंड में निवेश करता होगा. इस सवाल का जवाब पूछें और अगर सही लगे तो पूरी जानकारी लेकर आप भी इन तरीकों को अपनाएं. 3) वे किस चीज में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं और क्यों? :निवेश का तरीका पूरी तरह से निर्भर करता है कि आपके रिस्क लेने का लेवल क्या है यानी आप रिस्क लेने में विश्वास करते हैं या नहीं. आपको पूछना चाहिए कि वह फिक्स डिपॉजिट में निवेश करता है या बॉन्ड या फिर इक्विटी और म्यूचुअल फंड में. 4) उन्हें पैसे बनाने और बचाने के आइडियाज कहां से मिलते हैं? :जब भी आपके दोस्त को कोई वित्तीय जानकारी हासिल करनी होती है तो वो कौन से तरीके अपनाता है. क्या वह कोई विशेष न्यूज पेपर या ब्लॉग पढ़ता है या फिर किसी एप से जानकारी हासिल करता है. 5) उन्हें किस वित्तीय संस्थान पर भरोसा हैं? :जब बात पैसे की आती है तो भरोसा एक बड़ा मसला हो जाता है . इसीसे आपको अपने दोस्त से पूछना चाहिए कि आपके दोस्त अपने पैसे के लिए किस पर और क्यों विश्वास करते हैं.

रिलेशनशीप हो या फिर करियर, हर मामले में आपका खास दोस्त आपका साथ देता ही होगा. कई बार उनकी नसीहतों से आप इरिटेट होते होंगे, तो कई बार उन्हीं टिप्स पर चलकर आपको कई फायदे भी मिले होंगे. लेकिन क्या …

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