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#बड़ा फैसला: सीएम हों या मंत्री, अब बैठकों के दौरान नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल

केंद्रीय कैबिनेट और कर्नाटक के बाद अब बिहार सरकार ने भी ‘उच्चस्तरीय’ बैठकों में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी है। गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने एक आदेश जारी करते हुए राज्य …

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कांग्रेसी नेताओं द्वारा राफेल सौदे को लेकर कैग ने कहा- सबूत दें केवल आपके आरोपों पर नहीं होगी जांच

कांग्रेसी नेताओं द्वारा राफेल सौदे को लेकर कैग ने कहा- सबूत दें केवल आपके आरोपों पर नहीं होगी जांच

नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने कांग्रेस पार्टी से गुरुवार को कहा कि वह सरकार के खिलाफ राफेल सौदे पर आरोप लगाने और बयान देने की बजाए ठोस सबूत दे। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के दौरान कैग …

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दिवाली में घर जाने की नो टेंशन, चलेंगी कई स्पेशल ट्रेन, जानें कब से कर सकेंगे बुकिंग

हर कोई अपने घर-परिवार के साथ त्योहार मनाने जाना चाहता है, लेकिन अधिक मांग की वजह से ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं मिल पाता है. ऐसी ही स्थिति को ध्यान में रखते हुए पश्चिम रेलवे ने कुछ विशेष ट्रेन चलाई है …

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नौकरीपेशा लोगों के लिए आई बड़ी खबर, वर्ष 2019 में सैलरी में हो सकती है इतनी बढ़ोतरी

दुनियाभर में कारोबार की गिरती स्थिति और रुपये में लगातार कमजोरी के बावजूद भारत में वर्ष 2019 में कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है. हाल में जारी एक सर्वे में यह बात कही गई है. विल्स …

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आयुष्मान योजना की सूची में परिवार के साथ कांग्रेस और भाजपा के नेता भी शामिल

गरीब व जरूरतमंदों के इलाज के लिए शुरू आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की सूची में सत्ताधारी भाजपा के महामंत्री और पूर्व विधायक के परिवार का नाम है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं उनके परिवार का भी नाम सूची में शामिल है। दोनों ने इसे गंभीर लापरवाही करार दिया है। सख्त कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की बात कही है। वर्ष 2011 की बीपीएल सूची के आधार पर केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों का चयन किया है। इसके तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा निश्शुल्क मुहैया होगी। इस योजना का लाभ पाने के लिए गरीब सरकारी अस्पताल से लेकर नर्सिंग होम के चक्कर लगा रहे हैं। सूची में नाम न होने पर लौटाए भी जा रहे हैं। वहीं, कैबिनेट मंत्री, सांसद के भाई, पूर्व विधायक और आइआइटी के प्रोफेसर का भी इस योजना में नाम है। बुधवार को वाट्सएप पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री और पूर्व विधायक सलिल विश्नोई एवं उनके पूरे परिवार तथा कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर व उनके परिवार, उनके भाई और कोआपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट के चेयरमैन विजय कूपर और छोटे भाई एवं कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन संजय कपूर के दर्ज नाम वाली आयुष्मान भारत के लाभार्थी की सूची वायरल हुई। इसमें स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट से अपलोड की गई डिटेल थी। इसकी जानकारी दोनों पूर्व विधायकों को दी गई तो उन्होंने इसे अधिकारियों तथा कर्मचारियों की लापरवाही करार दिया है। यह भी पढ़ें : औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को परिवार समेत बना दिया आयुष्मान योजना का लाभार्थी गंभीरता से होनी चाहिए जांच कई विधायकों एवं पूर्व विधायकों के नाम डाले गए हैं। यह बड़ी लापरवाही है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखेंगे। -अजय कपूर, पूर्व विधायक जिलाधिकारी को लिखेंगे पत्र मैं 40 साल से आयकरदाता हूं। आयुष्मान भारत की लाभार्थी सूची में नाम शामिल करना सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की लापरवाही है। इसकी गंभीरता से जांच के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे। ताकि जरूरतमंदों को लाभ मिल सके। -सलिल विश्नोई, पूर्व विधायक बीपीएल सूची के आधार पर हुआ चयन वर्ष 2011 की बीपीएल सूची के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया गया है। सत्यापन के समय कई घरों में टीम को घुसने नहीं दिया गया और न ही सूचना उपलब्ध कराई। इससे पहले ही शासन और प्रशासन को अवगत करा चुके हैं।गरीब व जरूरतमंदों के इलाज के लिए शुरू आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की सूची में सत्ताधारी भाजपा के महामंत्री और पूर्व विधायक के परिवार का नाम है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं उनके परिवार का भी नाम सूची में शामिल है। दोनों ने इसे गंभीर लापरवाही करार दिया है। सख्त कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की बात कही है। वर्ष 2011 की बीपीएल सूची के आधार पर केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों का चयन किया है। इसके तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा निश्शुल्क मुहैया होगी। इस योजना का लाभ पाने के लिए गरीब सरकारी अस्पताल से लेकर नर्सिंग होम के चक्कर लगा रहे हैं। सूची में नाम न होने पर लौटाए भी जा रहे हैं। वहीं, कैबिनेट मंत्री, सांसद के भाई, पूर्व विधायक और आइआइटी के प्रोफेसर का भी इस योजना में नाम है। बुधवार को वाट्सएप पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री और पूर्व विधायक सलिल विश्नोई एवं उनके पूरे परिवार तथा कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर व उनके परिवार, उनके भाई और कोआपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट के चेयरमैन विजय कूपर और छोटे भाई एवं कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन संजय कपूर के दर्ज नाम वाली आयुष्मान भारत के लाभार्थी की सूची वायरल हुई। इसमें स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट से अपलोड की गई डिटेल थी। इसकी जानकारी दोनों पूर्व विधायकों को दी गई तो उन्होंने इसे अधिकारियों तथा कर्मचारियों की लापरवाही करार दिया है। यह भी पढ़ें : औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को परिवार समेत बना दिया आयुष्मान योजना का लाभार्थी गंभीरता से होनी चाहिए जांच कई विधायकों एवं पूर्व विधायकों के नाम डाले गए हैं। यह बड़ी लापरवाही है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखेंगे। -अजय कपूर, पूर्व विधायक जिलाधिकारी को लिखेंगे पत्र मैं 40 साल से आयकरदाता हूं। आयुष्मान भारत की लाभार्थी सूची में नाम शामिल करना सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की लापरवाही है। इसकी गंभीरता से जांच के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे। ताकि जरूरतमंदों को लाभ मिल सके। -सलिल विश्नोई, पूर्व विधायक बीपीएल सूची के आधार पर हुआ चयन वर्ष 2011 की बीपीएल सूची के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया गया है। सत्यापन के समय कई घरों में टीम को घुसने नहीं दिया गया और न ही सूचना उपलब्ध कराई। इससे पहले ही शासन और प्रशासन को अवगत करा चुके हैं।

गरीब व जरूरतमंदों के इलाज के लिए शुरू आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की सूची में सत्ताधारी भाजपा के महामंत्री और पूर्व विधायक के परिवार का नाम है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं उनके परिवार का भी नाम सूची …

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भाजपा अनुसूचित मोर्चा के कार्यकर्ताओं को और सक्रिय होना पड़ेगा

भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में भाजपा अनुसूचित मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की जमघट प्रतापगढ़ में हुई। इस दौरान केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों को गांवों में प्रसारित करने का आह्वान किया गया। मुख्य अतिथि अनुसूचित आयोग की …

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अखिलेश को बड़ा झटका, नई पार्टी लांच करेंगे राजा भैया !

देश के विभिन्न राज्यों में लोकसभा चुनाव बेहद नजदीक है। इनमे से ही एक राज्य है उत्तरप्रदेश। देश के अधिकतर दूसरे राज्यों की तरह यहाँ भी तमाम राजनैतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। लेकिन इन सब के बीच उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बड़ा फैसला लिया है। बंगाल पुलिस ने कॉन्सर्ट में जाने से रोका, धमकी भी दी : बीजेपी मंत्री दरअसल समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश की राजनीति के जाने-माने चेहरे रघुराज प्रताप सिंह जल्द ही 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी के नई पार्टी लांच कर सकते है। देश के एक प्राइवेट मीडिया चैनल ने हाल ही में पेश की अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रघुराज प्रताप सिंह जल्द जिन्हे राजा भैया के नाम से भी जाना जाता है वे जल्द ही राजनीति में अपने 25 साल पूरे करने के अवसर पर अपनी नई पार्टी लांच करने की घोसना कर सकते है। सुनामी प्रभावित इंडोनेशिया की मदद के लिए भारत ने शुरू किया ऑपरेशन ‘समुद्र मैत्री’ उल्लेखनीय है कि राजा भैया उत्तरप्रदेश की राजनीति में एक अहम प्रभाव रखते है और यूपी के ठाकुर समाज से उन्हें बेहद समर्थन और स्नेह मिलता है। ऐसे में उनके द्वारा नई पार्टी लांच करना चुनाव के ठीक पहले समाजवादी पार्टी और उसके साथ संभावित गठबंधन बनाने की उम्मीद कर रही बहुजन समाज पार्टी को आगामी चुनाव में काफी नुकसान पहुंच सकता है।

देश के विभिन्न राज्यों में लोकसभा चुनाव बेहद  नजदीक है। इनमे से ही एक राज्य है उत्तरप्रदेश। देश के अधिकतर दूसरे राज्यों की तरह यहाँ भी तमाम राजनैतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। लेकिन इन सब के …

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बीजेपी ने 5 शासित राज्यों में घटाया VAT, 5 रु कम होंगी तेल की कीमतें

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price) की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया. साथ ही उन्होंने राज्यों से भी वैट में कटौती करते हुए कीमतों में कमी करने का सुझाव दिया, जिसे अब तक 5 बीजेपी शासित राज्यों ने स्वीकार करते हुए 2.5 रुपये की कमी कर दी. वित्त मंत्री अरुण जेटली के ऐलान के तुरंत बाद महाराष्ट्र और गुजरात की बीजेपी सरकार ने भी अपनी तरफ से 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया है. यानी इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल कुल 5 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है. इसके बाद छत्तीसगढ़, झारखंड और त्रिपुरा ने भी वैट में कटौती कर दिया. इस तरह से अब तक 5 राज्यों में तेल की कीमतों में 5 रुपये की कमी हुई है. इन 5 बीजेपी शासित राज्यों में से महाराष्ट्र ने सिर्फ पेट्रोल पर ही 2.5 रुपये की राहत देने का फैसला लिया, जबकि झारखंड ने डीजल पर यही छूट देने का ऐलान किया. Maharashtra Government also decided to give additional relief of ₹2.5/litre on Petrol to give total benefit of ₹5/litre in the State of Maharashtra. — Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) October 4, 2018 डीजल में फिलहाल के लिए राहत नहीं दिए जाने के फैसले पर महाराष्ट्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डीजल की कीमतों में कमी लाने के लिए बात चल रही है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. Jharkhand Government has decided to give an additional relief of ₹2.5/litre on diesel in the state: Raghubar Das, Jharkhand Chief Minister. (File pic) pic.twitter.com/CZGY0clUJl — ANI (@ANI) October 4, 2018 केरल का इंकार, बिहार का बहाना! हालांकि केरल ने ऐसा करने से मना कर दिया है. केरल के वित्त मंत्री थामस इसाक ने कहा कि राज्य अभी ऐसी कटौती करने की स्थिति में नहीं है. हमने कुछ दिन पहले ही ऐसा किया था. तेल की कीमतों में कमी करने संबंधी जेटली के सुझाव पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हमें जेटली जी से कोई पत्र नहीं प्राप्त हुआ है. हम पहले आदेश देखेंगे फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर फैसला करेंगे. हर राज्यों की अपनी-अपनी स्थिति होती है, इसलिए पहले पत्र आने दीजिए. We didn't receive any letter from Jaitley ji. First we will see the order then make a decision on petrol and diesel. Each and every state has their own situation so first let the letter come: Bihar Deputy CM Sushil Modi (file pic) pic.twitter.com/5kbw9bWnBp — ANI (@ANI) October 4, 2018 इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री जेटली ने शेयर बाजार, पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर विस्तार से बात रखी. इस कटौती में रेवेन्यू विभाग को 1.50 रुपये और OMC को एक रुपये वहन करना होगा. आपको बता दें कि पिछले काफी समय से लगातार तेल के दामों में बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण आम जनता परेशान थी. केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद आम आदमी को राहत मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम में इस कटौती से केंद्र सरकार के खजाने पर 10 हजार 500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. जेटली बोले- हमने घटाया पैसा, अब राज्य भी घटाये केन्द्र सरकार ने अंतरमंत्रालयी पहल करते हुए रेवेन्यू और पेट्रोलियम मंत्रालय से बातचीत हुई है. पिछले साल केन्द्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की कटौती की थी. हम तभी कोई छूट दे सकते हैं जब हमारी राजस्व की क्षमता बढ़ती है. रेवेन्यू विभाग कंज्यूमर को रिलीफ देने के लिए तीन हिस्सों में बांटकर दिया जाएगा. लिहाजा, राज्यों से कहा जा रहा है कि केन्द्र की 2.50 रुपये की कटौती की तर्ज पर सभी राज्य भी 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती को प्रभावी करें. यह काम राज्यों के लिए आसान है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि राज्य सरकारों का एडवैलोरम टैक्स है. राज्यों का औसत 29 फीसदी है. इसलिए कच्चा तेल का दाम बढ़ने पर राज्यों को अधिक इजाफा होता है. वहीं केन्द्र की कमाई स्थिर रहती है. वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि हमने तेल कंपनियों को 10 बिलियन डॉलर विदेशी ऑयल बॉन्ड के जरिए उठाने की अनुमति दी है. सरकार ने आईएसएंडएफएस में निर्णायक फैसला लिया है. सरकार ने इंपोर्ट पर लगाम लगाने की कवायद की है. भारतीयों को मसाला बॉन्ड पर टैक्स चोरी रोकने के लिए कदम उठाए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि पहली तिमाही नतीजों ने 8.5 फीसदी ग्रोथ दिखी है. रेवेन्यू के जो आंकड़े मिल रहे हैं. डायरेक्ट टैक्स से सरकार को उम्मीद से अच्छा मिल रहा है. इससे फिलकल डेफिसिट कम करने में फायदा होगा. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर अमेरिका में घरेलू बाजार में हो रहे बदलाव का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है. लेकिन घरेलू संकेच अच्छे हैं. हालांकि कच्चे तेल के चलते करेंट अकाउंट डेफिसिट पर चुनौती है लेकिन अन्य आंकड़े पक्ष में हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price) की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया. साथ ही उन्होंने राज्यों से भी वैट में कटौती करते हुए कीमतों में कमी करने का सुझाव दिया, जिसे …

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2 अक्टूबर की आधी रात का पूरा सच, इस समझौते से टला टकराव

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले ट्रैक्टर-ट्रॉली, टाटा-407 समेत अन्य वाहनों से लैस किसानों का आधी रात को हुआ समझौता कई सवाल पैदा कर रहा है। इस आंदोलन से किसानों को क्या मिला? यह भी समझ से परे है। लेकिन सबसे बड़ा राज तो यह है कि आखिर 2 अक्टूबर की रात को ऐसा क्या हुआ कि पुलिस-किसान दोनों 'दोस्त' बन गए और किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत मिल गई। अब धीरे-धीरे इस समझौते की परतें खुल रही हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से आए हजारों किसानों की मांग सुनने के लिए कोई नेता आगे नहीं आ रहा था। हालांकि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं से जरूर बात की, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद किसान नेताओं के सामने किसान क्रांति पदयात्रा की सार्थकता का सवाल पैदा हो गया। सवाल यह भी था किसान क्रांति पदयात्रा दिल्ली के राजघाट तक नहीं पहुंची तो वे अपने समर्थकों को क्या मुंह दिखाएंगे, क्योंकि किसान नेताओं ने पदयात्रा राजघाट पर जाकर समाप्त करने का एलान किया था। दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना, युवती ने दूसरी युवती को बनाया 'हवस' का शिकार यह भी पढ़ें सूत्रों के मुताबिक, 2 अक्टूबर को किसान सुबह से लेकर शाम तक पुलिस से भिड़ते रहे। इस दौरान हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया, जिसमें 40 किसान और दर्जन भर पुलिसवाले घायल हुए। लेकिन जैसे-जैसे शाम से रात हुई और रात बीतने लगी किसान नेताओं की बेचैनी भी बढ़ी। इस दौरान किसान नेताओं को यह अहसास हो चला था कि पुलिस बल उन्हें दिल्ली में नहीं घुसने देगा। इस तरह हुआ किसान-पुलिस में समझौता सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के आला अधिकारी और किसान नेता दोनों ही चाह रहे थे कि मामला जल्द खत्म हो। ऐसे में एक फॉर्मूला पेश किया गया। इस फॉर्मूले के तहत यह तय हुआ कि किसान आधी रात को किसान घाट जाएंगे और 3 अक्टूबर को सुबह उजाला होने से पहले दिल्ली से यूपी लौट जाएंगे। इस पर किसान नेता और पुलिस दोनों राजी थे, लेकिन किसान अपने ट्रैक्टर ले जाने पर अड़ गए। इस पर पुलिस ने शर्त रखी कि रात को ट्रैफिक नहीं होता इसलिए ट्रैक्टर के साथ किसान जाएं, लेकिन रात में ही इन्हें लौटना होगा। दोनों पक्षों में हुए समझौते के तहत ऐसा ही हुआ। समझौते का हुआ पालन डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध से ट्रैक्टर को छूट, दिल्ली समेत 4 राज्य के लाखों किसानों को राहत यह भी पढ़ें पुलिस और किसान नेताओं के बीच हुए समझौते के तहत किसानों ने एक से दो बजे के बीच दिल्ली में प्रवेश करना शुरू किया। दो बजे किसान नेता राजघाट होते हुए किसान घाट पहुंचे। समझौते के तहत चार बजे तक किसानों ने यूपी वापस लौटना शुरू किया। पुलिस ने दिखाई समझदारी, दिल्ली में नहीं प्रवेश करने दिया किसानों को गुजरात के व्यापारियों से 4.5 करोड़ लूट में सनसनीखेज खुलासा, डॉन दाऊद से जुड़े तार यह भी पढ़ें पुलिस की मानें तो अगर किसानों को मंगलवार सुबह राजधानी में प्रवेश करने देने से दिल्ली की कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी। पांच हजार से अधिक किसान दिल्ली में प्रवेश करना चाह रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने देर रात तक उन्हें उत्तर प्रदेश-दिल्ली की सीमा पर रोके रखा। किसानों की ओर से हिंसक प्रदर्शन करने पर भी पुलिस ने आपा नहीं खोया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकना बड़ी चुनौती थी। स्पेशल ब्रांच से पुलिस को पहले ही सूचना मिल गई थी कि किसान हिंसक रूप भी धारण कर सकते हैं। लिहाजा तीन दिन पहले से पुलिस ने उन्हें सीमाओं पर रोकने की तैयारियां शुरू कर दी थी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस आमतौर पर दो या तीन स्तरीय बैरिकेड लगाती है, लेकिन किसानों को रोकने के लिए सात स्तरीय बैरिकेड लगाए गए थे। PM मोदी की एक अपील ने इस क्षेत्र में तोड़ डाले सारे पुराने रिकॉर्ड यह भी पढ़ें सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो स्तरीय बैरिकेड लगाए थे। उसके बाद 40 मीटर की दूरी पर दिल्ली पुलिस की ओर से बैरिकेड लगाए गए थे। यूपी पुलिस के बैरिकेड के बाद दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड से पहले पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े रखे थे, जिसे जर्सी बैरियर कहते हैं। इस बैरिकेड को हटाना आसान नहीं होता है। मंगलवार सुबह जब किसान दिल्ली कूच करने लगे, तब यूपी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। अधिकारियों ने किसान नेताओं से बात की, लेकिन वे नहीं माने। किसानों ने जब धमकी दी तो यूपी पुलिस डर गई और उनके आगे घुटने टेक दिए। किसान टै्रक्टर से उनके दोनों बैरिकेड तोड़कर चंद मिनटों में दिल्ली पुलिस के जर्सी बैरियर के पास पहुंच गए। क्या पलवल की मस्जिद में लगा है पाकिस्तान का पैसा? मेवात के मदरसे भी NIA के रडार पर यह भी पढ़ें ... इस तरह पुलिस ने दिया किसानों को जवाब 2 अक्टूबर को सुबह 11 बजे के आसपास सैकड़ों की संख्या में लाठी लिए किसानों ने जब पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया तो, उसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, फिर आंसू गैस व रबर बुलेट चलानी शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी का कहना है कि बड़ी मुश्किल से किसानों को देर रात तक दिल्ली आने से रोका गया। इस दौरान किसानों से निबटने को पुलिस पल-पल रणनीति बदलती रही। उसके बाद देर रात किसानों को किसान घाट जाने की अनुमति दे दी गई। तब तक करीब 80 फीसद किसान अपने घर लौट चुके थे। किसानों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए आयुक्त ने अपने कर्मचारियों की प्रशंसा की। वहीं, राजेश चौहान (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकियू) का कहना है कि कोई कुछ भी कह सकता है लेकिन सच्चाई यही है कि किसानों की मांगों को सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने मजबूती के साथ रखा गया। उसी का असर है कि केंद्र की सरकार सात प्रमुख मांगों पर मानने को तैयार हो गई।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले ट्रैक्टर-ट्रॉली, टाटा-407 समेत अन्य वाहनों से लैस किसानों का आधी रात को हुआ समझौता कई सवाल पैदा कर रहा है। इस आंदोलन से किसानों को क्या मिला? यह भी समझ से परे है। …

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पांच कैमरों के साथ लॉन्च हुआ LG V40 ThinQ, जानिए फ़ाचिर्स

एलजी ने ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप वाला स्मार्टफोन लॉन्च किया है. कोरियन कंपनी ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन LG V40 ThinQ में टोटल 5 कैमरे दिए हैं. इंडस्ट्री में फिलहाल कम ही स्मार्टफोन है जिसमें तीन रियर कैमरे दिए गए हैं, लेकिन अब ये ट्रेंड शुरू हो चुका है. डुअल कैमरे के बाद अब दौर ट्रिपल रियर कैमरे का है. देखना होगा कि आगे क्या कंपनी दर्जनों कैमरे वाले स्मार्टफोन लाएंगी या फिर पांच कैमरे तक ही रुक जाएंगी. यह स्मार्टफोन IP68 सर्टिफिकेशन वाला है यानी पूरी तरह वॉटर रेजिस्टेंट है. इसमें क्वॉल्कॉम का फ्लैगशिप प्रोसेसर स्नैपड्रैगन 845 प्रोसेसर दिया गया है और 6GB रैन है. इसे दो मेमोरी वेरिएंट्स में खरीदा जा सकता है – 64GB और 128GB जिसे माइक्रो एसडी से बढ़ा कर 2TB तक किया जा सकता है. वो अलग बात है कि आपको 2TB की मेमोरी कार्ड मिलनी मुश्किल है. अब बात करते हैं कैमरे की जो इसकी खासियत है. फोन के रियर में तीन कैमरे हैं. एक स्टैंडर्ड लेंस है जो 12 मेगापिक्सल का है जिसमें f/1.5 अपर्चर दिया गया है. दूसरे लेंस टेलीफोटो है जो 12 मेगापिक्सल का है और इसका अपर्चर f/2.4 है. तीसरे लेंस के तौर पर पर 16 मेगापिक्सल का वाइड एंगल लेंस दिया गया है जिसका अपर्चर f/1.9 है. सेल्फी के लिए फ्रंट में 5 मेगापिक्सल का वाइड एंगल लेंस दिया गया है जिसका अपर्चर f/2.2 है. कंपनी ने ट्रिपल कैमरा सेटअप को यूटिलाइज करने के लिए ट्रिपल शॉट नाम का एक फीचर दिया है जिससे यूजर्स तीनों लेंस को यूज करते हुए एक साथ तीन तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं. इस स्मार्टफोन में एलजी का हाईफाई क्वॉड DAC दिया गया है जो बेहतर साउंड क्वॉलिटी देगा. अमेरिका में इस स्मार्टफोन की कीमत 888 डॉलर (लगभग 66,400 रुपये) से शुरू है और यह वहां के टेलीकॉम कंपनियों पर भी डिपेंड करता है. यह ऑरोरा ब्लैक, मोरक्कन ब्ल्यू, प्लैटिनम ग्रे और रेड कलर वेरिएंट में मिलेगा. इसकी बिक्री 18 अक्टूबर से होगी.

एलजी ने ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप वाला स्मार्टफोन लॉन्च किया है. कोरियन कंपनी ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन LG V40 ThinQ में टोटल 5 कैमरे दिए हैं. इंडस्ट्री में फिलहाल कम ही स्मार्टफोन है जिसमें तीन रियर कैमरे दिए गए हैं, …

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