सिपाही प्रशांत ने विवेक तिवारी को गोली मारने के बाद मौके से भागने की बात से इंकार किया है। एसआईटी को प्रशांत ने बताया कि घटना के बाद तत्काल अधिकारियों को फोन कर जानकारी दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उसे थाना भिजवा दिया जहां वह सुबह तक रहा। वहीं से उसे लोहिया अस्पताल भेज दिया गया था।
विवेक की हत्या के आरोपी सिपाही प्रशांत ने एसआईटी को बताया कि उसने कार पर पिस्टल तानी तो फायर हो गया। गोली कार की विंड स्क्रीन को तोड़कर भीतर घुस गई। इस बीच कार चालक वाहन सहित मौके से भाग गया।
उसके भागने के बाद तत्काल थाना फोन कर घटना की जानकारी दी। मौके पर पुलिस अधीक्षक उत्तरी विक्रांत वीर और क्षेत्राधिकारी व सहायक पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र आ गए। उसे थाना भेज दिया गया जबकि पुलिस टीम कार के पीछे चली गई।
प्रशांत का कहना था कि थाना में अधिकारियों का तांता लग गया। सबने उससे अलग-अलग पूछताछ की। सुबह तक वह थाना में ही आराम करता रहा। करीब साढ़े आठ बजे उसे लोहिया अस्पताल ले जाया गया। वहां एक-डेढ़ घंटे रखकर उसे वापस थाना लाया गया।
प्रशांत ने कहा कि उसे यह मालूम ही नहीं था कि पिस्टल से निकली गोली कार के भीतर बैठे किसी व्यक्ति को लगी है या नहीं। उसे बाद में यह पता चला कि मौके से भागी कार आगे जाकर अंडरपास के खंबे से टकरा गई थी। हादसे के बाद वहां गई पुलिस को कार में बैठी युवती ने खून निकलने की जानकारी दी। विवेक को अस्पताल ले जाया गया तब पता चला कि उसे गोली लगी है।
थाना में बदले कपड़े, पत्नी लेकर आई थी लोअर-टीशर्ट
प्रशांत ने एसआईटी को बताया कि घटना के बाद उसे थाना ले आया गया था। उसने पत्नी राखी को सूचना दी। कुछ देर बाद राखी उसके लिए कपड़े लेकर आई। उसने वर्दी उतारकर लोअर और टी-शर्ट पहनी और थाना परिसर में ही घूमता रहा। इस दौरान उसे किसी ने भी घूमने-फिरने पर नहीं रोका। थाना में ही उसे अपने गोली चलाने के मामले में विवेक की पूर्व सहकर्मी की तरफ से एफआईआर दर्ज कराने की बात पता चली।
इंस्पेक्टर को फोन किया तो बोले थाना में नहीं हूं, नाइट अफसर को बताओ
हत्यारोपी सिपाही प्रशांत का कहना था कि पिस्टल से फायर होने के बाद उसने सबसे पहले गोमतीनगर थाना के इंस्पेक्टर डीपी तिवारी को फोन किया था। उन्होंने गोली चलने की बात सुनी तो कहा कि वह थाना पर नहीं हैं। नाइट अफसर को इस बारे में जानकारी दें। उसने नाइट अफसर को फोन कर पूरा वाकया बताया जिसके बाद मौके पर पुलिस फोर्स आ गई।
विवेक हत्याकांड में पूर्व सहकर्मी के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज
विवेक तिवारी हत्याकांड की एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी और एफआईआर की वादी उनकी पूर्व सहकर्मी ने बृहस्पतिवार दोपहर मजिस्ट्रेट के समक्ष कलमबंद बयान दर्ज कराया। सिविल जज अंजू कनौजिया ने बंद कमरे में करीब दो घंटे तक उनका बयान दर्ज किया। तीन दिन बाद पूर्व सहकर्मी के बयान की एक प्रति विवेचक को अवलोकन करने के लिए दी जाएगी।