जानिए, कौन है BHU में बवाल का असली जिम्मेदार

बीएचयू में हुआ उपद्रव विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का नतीजा था। तीनों ने अगर अपनी भूमिका का सही समय पर निर्वहन किया होता तो इतनी बड़ी घटना न होती। मामले में सोमवार को कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण के समक्ष बयान दर्ज कराने वाले अधिकतर लोगों का यही कहना था।जानिए, कौन है BHU में बवाल का असली जिम्मेदार
एबीवीपी ने भी कुलपति को कटघरे में खड़ा किया। कहा, अगर समय रहते वह छात्राओं की मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते तो ऐसी नौबत नहीं आती। छात्राओं पर लाठीचार्ज कर पुलिस और प्रशासन ने अपना अमानवीय चेहरा उजागर किया है।

कमिश्नर जल्द शासन को रिपोर्ट देंगे। माना जा रहा है कि शासन पुलिस और प्रशासन के बड़े अफसरों पर कार्रवाई कर सकता है। बीएचयू उपद्रव मामले में बयान दर्ज कराने वाले कुल 27 लोगों में से15 लोग कमिश्नर कार्यालय पहुंचे जबकि 12 लोगों ने फोन पर कमिश्नर को घटना के बारे में जानकारी दी।

डॉ. भीमराम अंबेडकर विचार मंच की ओर से सुनील यादव, श्रीप्रकाश राय, राजेश कुमार, एबीवीपी की ओर से बीएचयू के शोध छात्र भूपेंद्र सिंह, घनश्याम एवं अश्विनी कुमार शुक्ला ने बयान दर्ज कराया। वहीं हैंड्स आफ महामना ऐरा की ओर से जनार्दन शांडिल्य समेत सात लोगों ने बयान दर्ज कराया।

सूत्रों की मानें तो इन सभी का कहना था कि छात्राएं सिर्फ अपनी सुरक्षा की मांग कर रही थी। वह सीसीटीवी कैमरा लगवाना चाहती थीं और ये कोई बड़ी मांग नहीं थी। बीएचयू के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब छात्राओं पर लाठीचार्ज किया गया है। यह निंदनीय है।

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इन लोगों ने बयान दर्ज कराने के साथ ही कुलपति, एसएसपी और डीएम को हटाने की मांग केंद्र और प्रदेश सरकार से की। कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि लोगों के कलमबंद बयान लिए गए हैं। जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। 
 

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