somali sharma

यूपी-बिहार के 20 हजार लोगों ने किया पलायन, योगी और नितीश ने की रूपाणि से बात.

गुजरात के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 माह की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हिंदी भाषी राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर हमलों के चलते यहां से उनका पलायन जारी है। उत्तर भारतीय …

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कहीं आपको भी तो नहीं है इस जगह पर तिल, वरना…

इंसान के सभी जगहों पर तिल होने का भी अलग-अलग मतलब होता है जिसकी जानकारी सभी को नहीं होती है। ऐसे में तिल यह भी बताता है कि आप अमीर बन सकते हैं आपको पैसा मिलेगा या नहीं, आपकी लाइफ …

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रविवार को भूलकर भी ना तोड़े तुलसी के पत्ते, वरना हो जाओगे इतना बर्बाद …

अक्सर ही घर के बडें बुजुर्गों से सुना ही होगा कि रविवार के दिन तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए। इसी के साथ ही भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म में कुछ ऐसे रीति-रिवाज और मान्यताएं हैं जिनका पालन प्राचीन समय से किया …

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कन्या राशि वालों के लिए 09 अक्टूबर, दिन मंगलवार रहेगा काफी शुभ बन सकता है, मकान खरीदने का योग.

 मेष:- बुध,शुक्र, गुरु तीन ग्रहों की दृष्टि आप पर और राशि स्वामी बलवान तो आज आपकी जय-जय होगी, जो कार्य चाहें जैसा चाहें आज ही निपटाएं।   वृषभ:- ग्रह-गोचर इशारा कर रहे हैं कि आज आपके गुप्त शत्रु बनेंगे, लोग आपके पास बैठेंगे, …

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जब Twitter पर एक यूजर ने पूछा सवाल, आनंद महिंद्रा बोले- मेरे बाप का रास्ता नहीं है भाई

महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ आनंद महिंद्रा के गैरेज में अब नई TUV300 Plus शामिल हो चुकी है। कार के साथ आनंद महिंद्रा ने अपनी फोटो ट्विटर पर शेयर की है। हालांकि, इस फोटो को देखने के बाद कई यूजर्स ने आनंद महिंद्रा से पूछा कि वो कौन सी कंपनी की कार व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल करते हैं। किस कंपनी की कार का इस्तेमाल करते हैं आनंद महिंद्रा? दरअसल आनंद महिंद्रा ने नई TUV300 Plus की फोटो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था कि उनकी TUV 300 Plus आ गई है, इसके लिए उनकी टीम ने उन्हें इंतजार करवाया, लेकिन इसके आने के बाद इंतजार, इंतजार नहीं रहा। उन्होंने साथ ही लिखा अब उन्हें अपनी TUV 300 ग्रीन मॉन्सिटर छोड़नी होगी, लेकिन अब उनके पास यह खूबसूरत कार है जिसे उन्होंने Grey Ghost नाम दिया है। View image on Twitter View image on Twitter anand mahindra ✔ @anandmahindra She finally arrived..My TUV 300 Plus. My chaps had kept me waiting...But it was worth the wait; they gave me this special steel-grey metallic paint. Yes, I had to give up my TUV 300 Green Monster, but now I have this beauty and I’ve named her the Grey Ghost.. 11:09 AM - Oct 6, 2018 14.5K 1,915 people are talking about this Twitter Ads info and privacy महिंद्रा की कारें ही यूज करते हैं आनंद सितंबर महीने में फोर्ड फीगो की बिकी सिर्फ 5 यूनिट्स, कंपनी कर सकती है प्रोडक्शन बंद यह भी पढ़ें आनंद महिंद्रा इस ट्विटर पर रिप्लाई करते हुए एक यूजर ने उनसे पूछा कि क्या वो सच में टीयूवी यूज करते हैं? यूजर ने आगे लिखा, ‘मुझे लगा कि आप Mercedes, Audi और Bentley जैसी कारों का जरूर इस्तेमाल करते होंगे।‘ यूजर के इस सवाल के जवाब में आनंद महिंद्रा ने कहा कि वो महिंद्रा की कारों के अलावा कोई दूसरी कार का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ आनंद महिंद्रा के गैरेज में अब नई TUV300 Plus शामिल हो चुकी है। कार के साथ आनंद महिंद्रा ने अपनी फोटो ट्विटर पर शेयर की है। हालांकि, इस फोटो को देखने के बाद कई यूजर्स …

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अवैध पटाखों से भरा ट्रक पुलिस ने पकड़ा, मुखबिर से मिली सूचना पर कार्रवाई

बड़वानी पुलिस ने आज सुबह मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर अवैध पटाखों से भरा ट्रक पकड़ा है। इस ट्रक में पटाखों के 200 कार्टून भरे हुए थे। पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है। वहीं पटाखों …

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अब टीवी-मोबाइल से होगी पढ़ाई, ये चैनल हल करेगा छात्रों की सभी परेशानी

ग्वालियर जिले के 139 हाईस्कूल और हायर सेकंडरी विद्यालयों में जल्द ही डीटीएच व टीवी लगाए जाएंगे। इन टीवी पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में शुरू किए गए स्वयंप्रभा टेलीविजन चैनल के जरिए छात्रों को पढ़ाई कराई …

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जयप्रकाश नारायण, जिसने हिला दी थी इंदिरा गांधी की सत्ता

जेपी यानि जयप्रकाश नारायण जिन्होंने आजादी के बाद पहली बार जनआंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी आज पुण्यतिथि पर उनके गांव सिताबदियारा सहित पूरा बिहार उन्हें नमन कर रहा है। आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता संग्राम सेनानी और प्रसिद्ध समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की चर्चा न की जाए। जयप्रकाश कौन थे, इसका एक ओजपूर्ण परिचय रामधारी सिंह दिनकर की उन पंक्तियों से मिलता है, जो उन्होंने 1946 में जयप्रकाश नारायण के जेल से रिहा होने के बाद लिखी थी और पटना के गांधी मैदान में जेपी के स्वागत में उमड़ी लाखों लोगों के सामने पढ़ी थी... कहते हैं उसको जयप्रकाश जो नहीं मरण से डरता है ज्वाला को बुझते देख, कुंड में स्वयं कूद जो पड़ता है है जयप्रकाश वह जो न कभी सीमित रह सकता घेरे में अपनी मशाल जो जला बांटता फिरता ज्योति अंधेरे में हां जयप्रकाश है नाम समय की करवट का, अंगड़ाई का भूचाल, बवंडर, के दावों से, भरी हुई तरुणाई का खुलासा: ऐसे की जाती IRCTC की वेबसाइट हैक, एक माह के लिए 20 हजार की वसूली यह भी पढ़ें है जयप्रकाश वह नाम जिसे इतिहास समादार देता है बढ़कर जिनके पदचिह्नों को उर पर अंकित कर लेता है। सन 1946 की यह कविता रची जाने से पहले जयप्रकाश नारायण की युवा अवस्था बेहद तूफानी रही है। जेपी जब 20 वर्ष के थे तो उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए 1922 में वे अमेरिका चले गए। जहां उन्होंने 1922-1929 के बीच समाज-शास्त्र का अध्ययन किया। यहां की महंगी पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए जेपी ने खेतों, कंपनियों के साथ ही रेस्टोरेंट तक में काम किया। अमेरिका में मजदूरी करके वहां के कई विश्वविद्यालयों में बी.ए. और उसके बाद समाजशास्त्र में एम.ए. करने के बाद वे पीएचडी की तैयारी कर रहे थे तभी मां की बीमारी के कारण स्वदेश वापस लौटना पड़ा था। 1929 में जब वे अमेरिका से लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तेजी पर था। उनका संपर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरू से हुआ। वे आंदोलन का हिस्सा बने। 1932 में गांधी, नेहरू और अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद, उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया। पुत्री समान इंदिरा को हराया, फिर साथ बैठकर रोए 1977 में जेपी के आंदोलन के फलस्वरूप इंदिरा को हराकर जब जनता पार्टी सत्ता में पहुंची तो 24 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में विजय रैली का आयोजन किया गया, लेकिन खुद जेपी ही उस रैली में नहीं पहुंचे। अपनी राजनीतिक विजय के सबसे बड़े दिन जेपी गांधी शांति प्रतिष्ठान से निकलकर रामलीला मैदान जाने की जगह सफदरजंग रोड की एक नंबर कोठी में गए, जहां पहली बार हारी हुई इंदिरा बैठी थीं। जेपी से मिलकर इंदिरा के आंसू आ गए, लेकिन उससे भी ज्यादा हैरत की बात थी कि अपनी पराजित पुत्री के सामने जीते हुए जेपी भी रो रहे थे। छात्र आंदोलन की अगुवाई की वह इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे। 1974 में ही पटना में छात्रों ने आंदोलन की शुरुआत की। यह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक रहेगा, इस शर्त पर जेपी ने उसकी अगुवाई करना मंजूर किया। गिरते स्वास्थ्य के बावजूद जेपी इस आंदोलन से जुड़े और यह आंदोलन बाद में बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन बनकर उभरा और आखिर में जेपी के कारण ही यह आंदोलन 'संपूर्ण क्रांति' आंदोलन बना। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जेपी हुए गिरफ्तार इसके बाद देश में जो सरकार विरोधी माहौल बना और इंदिरा गांधी का सत्ता में रहना मुश्किल होने लगा तो 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जिसके अंतर्गत जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को बंदी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई। जेल मे जेपी की तबीयत और भी खराब हुई। 7 महीने बाद उनको मुक्त कर दिया गया। जेपी छात्र आंदोलन से ही निकले बिहार की राजनीति के दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव, जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के सुशील मोदी, ये तीनों जेपी आंदोलन में विद्यार्थी नेता के रूप में उभरे और बुलंद मुक़ाम हासिल किया। सुशील मोदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आए थे। आपातकाल के बाद वहीं लौट गए। लालू और नीतीश ने बिहार से होते हुए केंद्र की सियासत में भी अपना सिक्का जमाया। राम विलास पासवान जेपी आंदोलन में शामिल नहीं हुए लेकिन आपातकाल के विरोध में जेल जाने वालों में उनका भी नाम आता है। आज ही के दिन जेपी ने ली थी अंतिम सांस 8 अक्टूबर 1979 को दिल की बीमारी और डायबीटीज के कारण पटना में जेपी की मृत्यु हो गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने लोकनायक की मृत्यु पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी।

जेपी यानि जयप्रकाश नारायण जिन्होंने आजादी के बाद पहली बार जनआंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी आज पुण्यतिथि पर उनके गांव सिताबदियारा सहित पूरा बिहार उन्हें नमन कर रहा है। आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता …

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इंजीनियिंग छात्र का सिर धड़ से हो गया था अलग, हत्या या हादसे को लेकर उलझी गुत्थी

कॉलेज से फ्रेशर पार्टी कर दोस्त के घर सोने जा रहे बीई के छात्र की कार कैंसर पहाड़ी रोड से नीचे खाई में पड़ी मिली। कार में चालक के पीछे वाली सीट पर बैठे छात्र का धड़ कार के अंदर …

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छेड़खानी का विरोध करने पर 34 लड़कियों की बेरहमी से पिटायी, 10 गिरफ्तार

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 14 छात्राओं की हालत नाजुक बतायी जा रही है। छात्राओं पर इस तरह से किए हमले में पुलिस ने अबतक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इन सबसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही, फरार आरोपियों की तलाशी के छापेमारी जारी है। बता दें कि स्कूल के वार्डन ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी एसके सिंघल ने कहा कि दस लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है। View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI Total 10 people have been arrested in the incident where at least 30 schoolgirls where thrashed for allegedly resisting sexual advances in Supaul: ADG Police HQ SK Singhal #Bihar 4:30 PM - Oct 8, 2018 34 See ANI's other Tweets Twitter Ads info and privacy दरभंगा जोनल के आइजी पंकज दारद ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। पिछले चार दिनों से हॉस्टल की लड़कियों को परेशान करने के लिए मनचले हॉस्टल की दीवार पर अश्लील बातें लिख देते थे। लड़कियों के मना करने पर मनचलों ने काफी संख्या में हॉस्टल में घुसकर लड़कियों की जमकर पिटाई की। घटना को अंजाम देने वालों में मनचलों के अभिभावक भी शामिल थे जिसमें महिलाएं भी थीं। सबने हॉस्टल में घुसकर लड़कियों के साथ ही उनके शिक्षकों को भी बुरी तरह पीटा है। आइजी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। बिहार के सुपौल में 34 बच्चियों की पिटायी पर SC ने दिखाई सख्ती, कहा-एेसा नहीं चलेगा यह भी पढ़ें एएसपी त्रिवेणीगंज ने बताया कि कुछ महिलाओं को हिरासत में लिया गया है और सबसे पूछताछ की जा रही है। चार थानों की पुलिस छापेमारी कर रही है। हमने अस्पताल में जाकर घायल लड़कियों के बारे में जानकारी ली है, जिसमें उनकी स्थिति अब धीरे-धीरे सुधर रही है। सुपौल के एसपी मृत्युंजय चौधरी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के साथ एक मजिस्ट्रेट भी अगले आदेश तक स्कूल कैंपस में तैनात रहेंगे। बता दें कि विद्यालय में 100 लड़कियां पढ़ती हैं। स्कूल के एक स्टाफ ने भी बताया कि मनचले स्कूल की दीवार पर अपशब्द लिखने के अलावा छेड़छाड़ करते थे। इससे छात्राएं परेशान थीं। गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला: गरमायी सियासत तो बोले सीएम नीतीश यह भी पढ़ें जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो मनचलों के अभिभावक स्कूल में घुस आए और छात्राओं की पिटाई की। हमले में 34 लड़कियां घायल हो गई हैं जिनका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज में चल रहा है। हमसफर से सफर हुआ आसान, अब पाटलिपुत्र से वाया लखनऊ, कानपुर, कोटा टू उदयपुर यह भी पढ़ें जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम को कुछ छात्राएं विद्यालय परिसर में खेल रही थीं। इस दौरान कुछ मनचले उन पर अभद्र टिप्पणी करने लगे और फब्तियां कसने लगे। छात्राओं ने इसकी शिकायत अपने अध्यापकों से की। इसके बाद अध्यापक और अन्य लोग मनचलों को समझाने गए, लेकिन वे उनसे ही उलझ गए। थोड़ी देर बाद मनचलों के साथ लाठी-डंडे से लैश महिला-पुरुष हमलावरों ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जिसमें 34 छात्राओं को गंभीर चोट लगी है। बाद में एंबुलेंस से छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया गया। वृंदावन में 36 बिहारी गिरफ्तार, पहले होटल में छलकाया जाम फिर की अश्लील हरकत यह भी पढ़ें छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियां और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची। बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित तीन दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई हैं। डीएम वैद्यनाथ यादव ने बताया कि छींटाकशी का विरोध करने पर लड़कियों ने कुछ लड़कों की धुनाई कर दी। इसके विरोध में लड़कों के अभिभावकों ने लड़कियों पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर डीईओ को हमलावरों को चिह्नित करने और उन पर केस दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज …

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