बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 14 छात्राओं की हालत नाजुक बतायी जा रही है। 
छात्राओं पर इस तरह से किए हमले में पुलिस ने अबतक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इन सबसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही, फरार आरोपियों की तलाशी के छापेमारी जारी है। बता दें कि स्कूल के वार्डन ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।
मामले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी एसके सिंघल ने कहा कि दस लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है।
दरभंगा जोनल के आइजी पंकज दारद ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। पिछले चार दिनों से हॉस्टल की लड़कियों को परेशान करने के लिए मनचले हॉस्टल की दीवार पर अश्लील बातें लिख देते थे। लड़कियों के मना करने पर मनचलों ने काफी संख्या में हॉस्टल में घुसकर लड़कियों की जमकर पिटाई की।
घटना को अंजाम देने वालों में मनचलों के अभिभावक भी शामिल थे जिसमें महिलाएं भी थीं। सबने हॉस्टल में घुसकर लड़कियों के साथ ही उनके शिक्षकों को भी बुरी तरह पीटा है। आइजी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
एएसपी त्रिवेणीगंज ने बताया कि कुछ महिलाओं को हिरासत में लिया गया है और सबसे पूछताछ की जा रही है। चार थानों की पुलिस छापेमारी कर रही है। हमने अस्पताल में जाकर घायल लड़कियों के बारे में जानकारी ली है, जिसमें उनकी स्थिति अब धीरे-धीरे सुधर रही है।
सुपौल के एसपी मृत्युंजय चौधरी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के साथ एक मजिस्ट्रेट भी अगले आदेश तक स्कूल कैंपस में तैनात रहेंगे। बता दें कि विद्यालय में 100 लड़कियां पढ़ती हैं। स्कूल के एक स्टाफ ने भी बताया कि मनचले स्कूल की दीवार पर अपशब्द लिखने के अलावा छेड़छाड़ करते थे। इससे छात्राएं परेशान थीं।
जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो मनचलों के अभिभावक स्कूल में घुस आए और छात्राओं की पिटाई की। हमले में 34 लड़कियां घायल हो गई हैं जिनका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज में चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम को कुछ छात्राएं विद्यालय परिसर में खेल रही थीं। इस दौरान कुछ मनचले उन पर अभद्र टिप्पणी करने लगे और फब्तियां कसने लगे। छात्राओं ने इसकी शिकायत अपने अध्यापकों से की। इसके बाद अध्यापक और अन्य लोग मनचलों को समझाने गए, लेकिन वे उनसे ही उलझ गए।
थोड़ी देर बाद मनचलों के साथ लाठी-डंडे से लैश महिला-पुरुष हमलावरों ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जिसमें 34 छात्राओं को गंभीर चोट लगी है। बाद में एंबुलेंस से छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया गया।
छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियां और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची। बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित तीन दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई हैं।
डीएम वैद्यनाथ यादव ने बताया कि छींटाकशी का विरोध करने पर लड़कियों ने कुछ लड़कों की धुनाई कर दी। इसके विरोध में लड़कों के अभिभावकों ने लड़कियों पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर डीईओ को हमलावरों को चिह्नित करने और उन पर केस दर्ज कराने के लिए कहा गया है।
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