गुजरात के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 माह की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हिंदी भाषी राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर हमलों के चलते यहां से उनका पलायन जारी है। उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष महेशसिंह कुशवाह ने दावा किया है कि एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के 20 हजार से ज्यादा लोग राज्य छोड़कर जा चुके हैं।
इस बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमले को लेकर बात की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने ट्वीट पर कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा यह अवगत कराया गया है कि पिछले तीन दिनों में कोई भी घटना नहीं घटित हुई है। गुजरात सरकार द्वारा हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। सभी का गुजरात में सम्मान है। उन्होंने जनसामान्य से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
गुजरात के सीएम ने कहा- दोषी को मिलेगी सजा
गुजरात में यूपी बिहार के लोगों पर हो रहे अत्याचार के बाद पलायन पर सीएम रुपाणी ने कहा कि रूपाणी ने कहा कि बाहर से आए लोगों को अपना लेना गुजरात की परंपरा रही है। कुछ लोग राज्य की शांति-व्यवस्था को खराब करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम कानून-व्यवस्था कायम रखने को वचनबद्ध हैं। किसी भी कठिनाई की स्थिति में लोग पुलिस को बुला सकते हैं। पुलिस की तीव्र कार्रवाई से हालात नियंत्रण में आ गए हैं।’
गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने कहा है कि गुजरात के विकास में अन्य प्रांत के लोगों का काफी योगदान रहा है। कुछ असामाजिक तत्व राज्य की शांति-व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं। जाडेजा के अनुसार मेहसाणा, साबरकांठा, अहमदाबाद, गांधीनगर, सुरेंद्रनगर और कुछ अन्य इलाकों में गैर-गुजरातियों पर हमले की 56 घटनाएं हुई हैं।
अब तक 431 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दूसरे प्रांत के लोगों की सुरक्षा के लिए एसआरपी की 17 कंपनी तैनात है। सोशल मीडिया पर भी निगरानी की जा रही है। अफवाह फैलाने वाले 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 15 को पकड़ा जा चुका है।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट
अन्य प्रांत की बस्तियों व सोसायटियों में जाकर 10 अक्टूबर तक गुजरात छोडने की धमकी तथा औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे श्रमिकों को अपने अपने प्रदेश चले जाने की धमकी के बाद बड़े पैमाने पर औद्योगिक इकाइयों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
एसआरपी के जवान भी संवेदनशील इलाकों में तैनात किए गए हैं। असामाजिक तत्व रात को फैक्टरियों में सो रहे मजदूरों को धमकाते वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है, पुलिसऐसी बस्तियों व फैक्टरियों पर रात भी पहरा दे रही है, वहीं फील्ड ऑफिसरों के मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक करेंगे।
उधर, राज्य के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा कि हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस ने एक्शन प्लान बनाया है। एसआरपी की 17 कंपनियां संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई है। उनका दावा है कि अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर ली गई है।
गुजरात में बीते एक सप्ताह से अन्य प्रांत के लोगों पर हमले हो रहे हैं। ठाकोर सेना नामक सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता साबरकांठा, मेहसाणा, गांधीनगर, अहमदाबाद सहित कई इलाकों में बसे उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को निशाना बना रहे हैं।
औद्योगिक इकाइयों व फैक्ट्रियों में काम कर रहे श्रमिकों के साथ भी ठाकोर सेना ने मारपीट की है। इसके बाद से गुजरात के कई शहरों से अन्य राज्यों के लोग पलायन करने लगे हैं। अब तक सैकड़ों परिवार गुजरात छोड़कर जा चुके हैं।
उद्योग और व्यापार को बचाने की अपील
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री से प्रवासियों को सुरक्षा प्रदान करने की अपील के साथ प्रदेश के उद्योग और व्यापार को बचाने की अपील की है। नरोडा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेष पटवारी ने भी श्रमिकों और उनके परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है।
शिवानंद झा ने बताया कि पुलिस ने अब तक 42 मामले दर्ज कर 342 आरोपितों को पकड़ा है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलानेवालों की पहचान कर ली गई है। राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर निगरानी की जा रही है। अफवाह फैलाने के दो मामले दर्ज किए हैं।
अल्पेश ठाकोर के संगठन का नाम
गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि इस बात की पड़ताल की जा रही है कि यह 22 साल से सत्ता से बाहर रहने वालों की साजिश तो नहीं है?
गौरतलब है कि पुलिस ने ठाकोर सेना के कई सदस्यों को हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है। ठाकोर सेना के अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग के नेता और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर हैं। कुछ एफआइआर में संगठन का भी नाम है।
हालांकि, अल्पेश ने आरोप लगाया कि उनके संगठन के युवाओं को इसमें जबर्दस्ती घसीटा जा रहा है। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार का सामना कर रही भाजपा लोगों का ध्यान दूसरी ओर ले जाना चाहती है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि एक घटना को लेकर पूरे प्रदेश के लोगों को जिम्मेदार मानना उचित नहीं है।
कांग्रेस ने जताया ऐतराज
इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता अहमद पटेल ने कहा कि निर्दोष नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है, वह भी भारतीय हैं। अगर यह एक क्षेत्र में शुरू होता है तो यह फिर दूसरे हिस्से में भी शुरू हो जाएगा। मुबंई इसका उदाहरण है। अगर कोई क्राइम करता है तो कानून अपना काम करेगा।
जानिए- क्या है मामला
28 सितम्बर को एक बच्ची के साथ कथित रूप से दुष्कर्म करने के लिए बिहार के एक निवासी को गिरफ्तार किये जाने के बाद गैर-गुजरातियों को निशाना बनाया गया और सोशल मीडिया पर घृणा संदेश फैलाये गये। इस घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में गैर- गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को राज्य छोड़ने का फरमान जारी किया गया।
अब तक क्या हुअा
पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने पत्रकारों को बताया कि मुख्य रूप से छह जिले (हिंसा से) प्रभावित हुए हैं।मेहसाणा और साबरकांठा सबसे अधिक प्रभावित हुए है। इन जिलों में, 42 मामले दर्ज किये गये है और अब तक 342 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच के दौरान आरोपियों के नाम सामने आने के बाद और लोगों को गिरफ्तार किया जायेगा। डीजीपी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में राज्य रिजर्व पुलिस (सीआरपी) की 17 कंपनियों को तैनात किया गया है।
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
डीजीपी ने कहा कि गैर-गुजराती के निवास क्षेत्रों और उन कारखानों में जहां वे काम करते हैं, वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने इन इलाकों में गश्त भी बढ़ा दी है।
डीजीपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के लिए दो मामले दर्ज किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जिले गांधीनगर में पुलिस अधिकारियों को शिविरों का आयोजन करने और स्थानीय नेताओं के साथ संवाद करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और वाहन उपलब्ध कराये गये है।