सियासत की जंग में भाजपा के विकास पर्व के तहत रामपुर में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में एक मासूम सा चेहरा जो सबका ध्यान खींचता रहा वह था केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप की बेटी अतिशा का। अतिशा रूडी की छोटी बेटी हैं। फिलहाल पढ़ाई कर रही हैं। लेकिन पिता से इतनी प्रभावित हैं कि उनके राजनीतिक सम्मेलनों में साथ जाकर राजनीति का ककहरा सीख रही हैं। भविष्य में वह क्या करेंगी अभी तय नहीं किया है लेकिन उनका कहना है कि वह अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहती हैं। उनका मानना है कि देश सेवा कई तरीके से की जा सकती है, राजनीति उनमें से एक है।
भारतीय जनता पार्टी के विकास पर्व कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं की भीड़ में सबसे आगे की पंक्ति पर एक चेहरा ऐसा भी था जिसकी भाव भंगिमाएं केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी के हर संवाद के साथ बदल रहीं थी। कभी चेहरे पर मुस्कान लिए तालियों से हौसला-अफजाई तो कभी गंभीरता और परिपक्वता के साथ संवाद के शब्दों की गहराइयों को समझने की कोशिश। यह चेहरा था केंद्रीय राज्मंत्री स्वतंत्र प्रभार राजीव प्रताप रूडी की बेटी अतिशा रूडी का। पिता के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में शिरकत कर रही अतिशा रूडी जनता के बीच आमजन की तरह बैठ कर राजनीति की बारीकियों को सीख-समझ रही थी।
सियासत की जंग में कदम रखने को तैयार
गुरुवार को भाजपा के सम्मेलन में अतिशा रूडी की मौजूदगी पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने से पूर्व राजनीति की बारीकियां समझने वाली कोशिशों के तौर पर सामने आईं। केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी के मंच पर संबोधन से कुछ देर पहले उनकी बेटी अतिशा रूडी भी मंच के सामने कार्यकर्ताओं के बीच आकर बैठ गईं।
उन्होंने अपने पिता के संबोधन को बड़ी गंभीरता के साथ सुना और बारीकियों को समझने की कोशिश उनके चेहरे से नजर आई। उन्होंने तालियों से हौसला-अफजाई करते हुए संवाद को सराहा तो गंभीर विषयों को समझने की भी कोशिश की। भविष्य में वो इस राजनीतिक विरासत को संभालेंगी या नहीं यह तो वक्त आने पर ही पता चलेगा, पर गुरुवार को सम्मेलन में उनकी मौजूदगी, पिता सहित प्रत्येक नेता के भाषण को गंभीरता से सुनने, कार्यकर्ताओं को समझने की कोशिशों से वह भाजपाइयों के बीच चर्चा में जरूर रहीं।