किसी भी रिश्ते का आधार क्या हो सकता है. कौन सी चीजें हैं, जो लंबे साथ को पुख्ता करती हैं. क्या खूबसूरती ही एक मात्र पैमाना है, जो किसी से प्यार करने के लिए या किसी को पसंद करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. विशेषज्ञों ने इन सवालों के जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की.
बेनीहाल नाम की न्यूरोसाइंस आधारित रिकमन्डेशन इंजन के विशेषज्ञों ने दिल्ली, मुम्बई और बेंगलुरु जैसी मेट्रो सिटी के 10,000 पुरुषों और महिलाओं पर एक सर्वे किया और यह जानने का प्रयास किया कि किसी लड़की को पसंद करने के लिए उनका पैमाना क्या है. लड़की आकर्षक और खूबसूरत होनी चाहिए या करियर व अन्य चीजें मायने रखती हैं.
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सर्वे में आए नतीजों के अनुसार मेट्रो सिटी में रहने वाले 27 फीसदी पुरुष ऐसी लड़की को पसंद करते हैं, जो भले ही कम आकर्षक हो, पर उसका दिल दयालु हो. यानी 27 फीसदी पुरुषों को दयालु लड़कियां पसंद आती हैं. ऐसे पुरुषों की संख्या सिर्फ 8 फीसदी थी, जो लड़की की खूबसूरती को देखकर उन्हें पसंद करते हैं.
मुंबई और दिल्ली के मुकाबले बेंगलुरु के पुरुषों को इंडिपेंडेंट लड़कियां सबसे ज्यादा पसंद आती हैं. बेंगलुरु के 17 फीसदी पुरुषों ने कहा कि उन्हें कामकाजी लड़कियां अच्छी लगती हैं. जबकि मुंबई के 14 प्रतिशत और दिल्ली के मात्र 8 फीसदी पुरुषों ने कहा कि उन्हें ऑफिस जाने वाली लड़कियां पसंद हैं. .
अगर रोल मॉडल की बात करें तो तीनों मेट्रो सिटी में लड़कियां अपने पिता को रोल मॉडल के रूप में देखती हैं. जबकि पुरुष अपनी बहनों को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं. बेंगलुरु के 12 प्रतिशत पुरुष बहनों को अपना रोल मॉडल मानते हैं. वहीं दिल्ली व मुंबई के 7 प्रतिशत.
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बेनीहाल के को-फाउंडर और सीईओ इशदीप साहनी ने कहा कि अध्ययन की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि शादी या जीवनसाथी को लेकर मॉर्डन भारतीयों का माइंडसेट बदल रहा है.