हरियाणा सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत प्रदेशभर के किसानों के लिए 12 श्रेणियों के लगभग 8050 सोलर पंप लगवाने के लिए आवेदन मांगे गए थे। आवेदन करने की अंतिम तारीख 29 दिसम्बर थी जिसके लिए किसानों को प्रदेश सरकार के सरल पोर्टल के जरिए आवेदन करना था।
प्रदेश सरकार अब सभी आवेदनों में यह जांच करेगी कि किन किसानों के आवेदनों में गलती है। जिसके बाद आवेदक को एक और मौका दिया जा सकता है तत्पश्चात 2026 से किसानों को सोलर पंप अलॉट करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। किसानों द्वारा 75 प्रतिशत अनुदान राशि पर 3 एच.पी. और 10 एच.पी. की क्षमता वाले सोलर पंप के लिए आवेदन किया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से पहले ही जानकारी दी जा चुकी है कि बिजली आधारित कनैक्शन के मौजूदा आवेदकों को सोलर पंप के कनैक्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी हालांकि इसके लिए किसानों को मौजूदा बिजली कनैक्शन का समर्पण करना होगा। इसके साथ ही वर्ष 2019 से 2023 तक के मौजूदा किसान बिजली आधारित ट्यूबवैल के लिए निगमों में आवेदन किया था उन्हें भी इस योजना के तहत सोलर पंप कनैक्शन में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष के लक्षित लाभार्थियों का चयन परिवार की वार्षिक आय व भूमि धारण के आधार पर किया जाएगा।
सोलर पंप को अलॉट करते समय प्रदेश सरकार की ओर से भूजल की स्थिति को भी ध्यान में रखा जाएगा। यही कारण है कि हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के सर्वेक्षण के अनुसार उन गांवों में जहां भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है वहां सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना को अनिवार्य कर दिया गया है। खास बात यह है कि धान उगाने वाले किसान जिनके क्षेत्र में एच.डब्ल्यू.आर.ए. की रिपोर्ट के आधार पर भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे चला गया है वहां किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
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