भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है। वास्तु के अनुसार लड्डू गोपाल की कृपा पाने के लिए इस शुभ दिन कई उपाय किए जा सकते हैं। वास्तु शास्त्र में जन्माष्टमी को लेकर कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं, इन्हें अपनाने से जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में।
जिस घर में लकड़ी की बांसुरी होती है, वहां सदैव भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है। जन्माष्टमी के दिन घर में बांसुरी को लाना शुभ माना जाता है। इस दिन बांसुरी लाए और रात्रि की पूजा में इसे कान्हा को अर्पित कर दें। दूसरे दिन बांसुरी को घर में पूर्व की दीवार पर तिरछी लगा दें। ऐसा करने से घर में मौजूद वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। घर के मुख्य द्वार पर बांस की बांसुरी लटकाना शुभ माना जाता है। कार्यालय या दुकान के मुख्य द्वार पर दो बांसुरी लगाने से कार्य में प्रगति होती है। दांपत्य जीवन में अनबन हो तो दो बांसुरी लेकर लाल धागे या फिर रिबन से बांध दें। मोर पंख भी कान्हा को अति प्रिय है। घर में मोर पंख रखने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और परिवार में वातावरण सकारात्मक बना रहता है। बच्चा जिद्दी है तो उसकी किताब में मोर पंख रख दें। संतान प्राप्ति के लिए घर में बंशी वाले भगवान श्रीकृष्ण की स्थापना करें। जन्माष्टमी के दिन शंख और शालिग्राम की स्थापना भी कर सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के शृंगार में फूलों का खूब प्रयोग करें। पीले रंग के वस्त्र, चंदन से शृंगार करें। पूजा में काले रंग का प्रयोग न करें। वैजयंती के फूल भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें। भगवान की पूजा में रक्षा सूत्र भी अर्पित करें। भगवान को पीले फलों का भोग लगाएं। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में पंचामृत विशेष रूप से अर्पित करें। तुलसी के पत्ते अर्पित करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है। जन्माष्टमी पर भगवान को माखन मिश्री अवश्य अर्पित करें। जन्माष्टमी पर कान्हा को पीले वस्त्र अर्पित करें और बाद में इसे किसी ब्राह्मण को दे दें।