नई दिल्ली: भारत प्रार्थना कर रहा है कि कोविड की तीसरी लहर का देश को सामना नहीं करना पड़ा। हालांकि इसको रोकने के लिए प्रशासक, स्वास्थ्य पेशेवर और वैक्सीन निर्माता कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हालांकि, जिस दर से देश खुद को टीका लगा रहा है, वह संक्रमण से बचने के लिए आवश्यकता से काफी कम हो सकता है।

यह अनुमान लगाया गया है कि एक तीसरी कोविड लहर को रोकने के लिए भारत को इस साल दिसंबर तक अपनी 1.3 बिलियन से अधिक आबादी के कम से कम 60 प्रतिशत को टीके की दोनों खुराक के साथ टीका लगाना चाहिए।
इसके लिए उसे हर दिन 8.6 मिलियन लोगों को इंजेक्शन लगाने होंगे।
एक सप्ताह से थोड़ा अधिक समय से देश प्रति दिन लगभग 4 मिलियन लोगों को टीकाकरण कर रहा है, जो 4.6 मिलियन कम है। रविवार को सिर्फ 15 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई, जो लक्ष्य से 7.1 मिलियन कम है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हर दिन की कमी के साथ प्रति दिन टीकाकरण की आवश्यक संख्या जोकि वर्तमान में 8.6 मिलियन है, उसका अंतर बढ़ता ही जाता है।
देश ने कल 39,796 ताजा कोविड मामले दर्ज किए, जो लगभग तीन महीनों में सबसे कम है। लेकिन बीमारी की प्रकृति और उसके फैलने की क्षमता को देखते हुए यह अभी राहत की बात नहीं हो सकती है।
अब तक 35 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं, जबकि सरकार प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही है। इसका लक्ष्य इस साल के अंत तक सभी वयस्कों का टीकाकरण करना है। अब तक, चार टीके – कोविशील्ड, कोवैक्सिन, रूस के स्पुतनिक वी और मॉडर्न को देश में उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है।
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