केले या पान के पत्ते पर चढ़ाए प्रसाद से हनुमान जी की पूजा का बढ़ता है फल

हनुमान भक्तों को वैसे तो हर दिन अपने आराध्य की उपासना करनी चाहिए, लेकिन हर मंगलवार-शनिवार को उनकी विशेष पूजा का अपना महत्व है. इसके लिए हर मंगलवार सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान की मूर्ति को गंगाजल से धोएं. पूजा के लिए सिर्फ पूर्व दिशा की तरफ आसन लगाना चाहिए. महाबली की प्रतिमा स्थापित कर पूर्व दिशा में मुंह कर बिछाए लाल आसन पर बैठें. प्रतिमा पर सिंदूर से टीका लगाते हुए बजरंग बली को लाल फूल अर्पित करें और लाल रंग का चोला चढाएं. इसके बाद दूर्वा, कुमकुम, फूल, सिंदूर, हार, चावल, गंध और अन्य साम्रगी उन्हें अर्पित करें. इसके अलावा हनुमानजी को प्रसाद केले या पान के पत्ते ही पर चढ़ाएं. 

हनुमान चालीसा-सुंदर कांड से कटते हैं कष्ट
पूजा के दौरान हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें. मान्यता है कि ऐसा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और घर में संपन्नता आती है. प्रसाद में भीगे चने, चूरमा और गुड़ चढ़ाना चाहिए. प्रसाद के लिए यही शुभ माने गए हैं. अंत में सरसों तेल का दीपक जलाकर हनुमानजी की आरती करें.

कर्ज में डूबे हैं तो आटे के दीपक में चमेली का तेल डालकर बड़ के पत्ते पर रखकर जलाएं. 5 पत्तों पर 5 दीपक रखकर हनुमान मंदिर में रख दें. लगातार 11 मंगलवार को ऐसा करें. शनिवार हनुमान मंदिर में जाकर आटे के दीपक लगाने से शनि की बाधा भी दूर होती है.

मंगलवार-शनिवार हनुमानजी को घी संग सिन्दूर चढ़ाने से श्रीराम कृपा मिलती है. मंगलवार व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमान पूजा करने से मंगली दोष शांत होता है. सिन्दूर के साथ चमेली तेल भी चढ़ाना चाहिए. सिन्दूर से एकाग्रता में वृद्धि होती है और दृष्टि भी बढ़ती है. किसी कार्य में सफलता के लिए हनुमानजी को लाल या केसरिया ध्वज चढ़ाया जाता है.यह झंडा त्रिकोणीय हो और उस पर ‘राम’ लिखा होना चाहिए. इससे संपत्ति संबंधी समस्याएं दूर होती हैं.

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