केजीएमयू के डॉक्टरों ने 10 माह के मासूम बच्चे के फेफड़े में ट्यूमर का सफल इलाज कर उसे नई जिंदगी दी है। कुशीनगर निवासी मुन्ना के मासूम बेटे को दो माह पहले सांस लेने में तकलीफ शुरू हुई। काफी दवाएं देने पर भी वह ठीक नहीं हुआ। इस पर वे उसे केजीएमयू लाए। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. जेडी रावत ने बच्चे को देखा। जांच में बच्चे के बाएं तरफ के फेफड़े और छाती में बड़ी गांठ पनप आई थी। ट्यूमर फेफड़े पर दबाव डाल रहा था। फेफड़ा लगातार सिकुड़ रहा था। नतीजतन उसे सांस लेने में तकलीफ थी। डॉक्टरों ने छाती में नली डाली। इससे बच्चे को कुछ राहत मिली। बीमारी की वजह से बच्चे में खून की कमी हो गई थी। खून चढ़ाया गया।
छाती खोलकर किया ऑपरेशन
21 जून को बच्चे को बेहोशी देकर छाती खोलकर ऑपरेशन किया गया। करीब तीन घंटे ऑपरेशन चला। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान वेंटिलेटर समेत दूसरे उपकरण रखे गए थे। मां सुंदरी और पित मुन्ना ने केजीएमयू के डॉक्टर व कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया है। सुंदरी ने कहा कि गोरखपुर समेत दूसरे डॉक्टरों ने बच्चों को देखा तक नहीं। डॉक्टरों ने मेरे जिगर के टुकड़े को बचा लिया।
ये हैं ऑपरेशन टीम के हीरो
डॉ. जेडी रावत, डॉ. सर्वेश कुमार, एनस्थीसिया विभाग की डॉ. विनीता सिंह व डॉ. रवि प्रकाश टीम में शामिल हुए।