उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि प्रदेश में आर्थिक तंगी है, तो सरकार आईएएस असफरों का वेतन रोके । रोडवेज कर्मचारियों को पांच महीने से वेतन नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही। रोडवेज कर्मचारियों के वेतन के मामले में सुनवाई के दौरान वित्त सचिव ने कहा था कि प्रदेश इस समय आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है। इस पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने यह भी कहा कि आर्थिक तंगी झेलने वाला यह अकेला राज्य नहीं है। रोडवेज कर्मचारियों की परेशानी को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने शनिवार को अवकाश के बावजूद अर्जेंट सुनवाई की।
वेतन के मामले में कैबिनेट बुलाने को कहा : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में मुख्य सचिव, वित्त सचिव, परिवहन सचिव, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम भी मौजूद रहे। कोर्ट ने मुख्य सचिव से मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के साथ बात कर रविवार या सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाने को कहा। कोर्ट ने कहा कि बैठक में तय किया जाए कि रोडवेज कर्मचारियों को पिछले पांच माह का करीब 68 करोड़ रुपये वेतन कैसे दिया जा सकता है। एक ऐसा प्रस्ताव पास करें, ताकि आने वाले समय मे ऐसी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। अदालत ने कहा कि बैठक में जो भी निर्णय लिया जाए, उसे मुख्य सचिव 29 जून को सुनवाई पर अदालत में पेश करें।
एक शहर में अफसर फिर फैसले में देरी क्यों
मुख्य सचिव ने कैबिनेट के लिए अदालत से 15 दिन का समय मांगा। अदालत ने समय देने से इनकार करते हुए कहा कि डिजिटल का जमाना है, वर्चुअल मीटिंग कर तत्काल फैसला लिया जाए। अदालत ने कहा कि जब परिवहन सचिव, वित्त सचिव और मुख्य सचिव का कार्यालय एक ही शहर में मौजूद हो तो निर्णय लेने में क्यों देरी हो रही है? कोर्ट के सख्त रुख के बाद पांच महीने से वेतन के लिए तरस रहे रोडवेजकर्मियों को मामले के हल की उम्मीद जग गई है।