नई दिल्ली: नोटबंदी को लेकर करोड़ों रूपए की नकदी अपने पास रखने के आरोप में पकड़े गए सर्वोच्च न्यायालय के अभिभाषक रोहित टंडन की 42 करोड़ रूपए की संपत्ती प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त कर ली गई।
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दरअसल रोहित टंडन पर आरोप है कि उनके माध्यम से कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा में करोड़ों रूपए का कालाधन फर्जी अकाउंट में जमा करवा दिया गया। बैंक के प्रबंधक आशीष कुमार ने कहा कि रोहित टंडन द्वारा करोड़ों रूपए के नए व पुराने नोट का स्त्रोत बताने में वे असफल रहे।
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मिली जानकारी के अनुसार रोहित टंडन के कार्यालय और घर पर जो छापामार कार्रवाई की गई उसमें 13.56 करोड़ रूपए की नकदी जब्त हुई थी। इतना ही नहीं नोट गिनने की दो मशीनें भी बरामद हुई थीं। आयकर विभाग द्वारा की गई छापामार कार्रवाई के बाद आईडीएस के अंतर्गत 125 करोड़ रूपए का कालाधन घोषित किया गया था।
नोटबंदी के बाद टंडन पर जो छापामार कार्रवाई की गई थी इस दौरान उसके पास से करोड़ों रूपए के नोट मिले थे। रोहित टंडन ने पूछताछ के दौरान उस व्यक्ति का नाम बताने से इन्कार किया था और कहा था कि ये पैसे उसी के हैं मगर वे उसका नाम नहीं बता सकते हैं। हालांकि जांच एजेंसी को आशंका है कि कोलकाता के उद्योगपति पारसमल लोढ़ा के साथ मिलकर रोहित टंडन ने हाई प्रोफाईल लोगों के कालेधन को सफेद कर दिया था।