चुनाव में धनबल के प्रयोग पर नकेल लगाने में नोटबंदी संभवत बेअसर साबित हो रही है। कम से कम चुनाव आयोग द्वारा सर्च अभियान में मिली नकदी और ड्रग इसी ओर इशारा करते हैं।
– पांचों राज्यों में 5 जनवरी का आचार संहिता लगी थी। तब से महज 12 दिनों में 8 करोड़ की नकद रकम बरामद की है।
– इसका इस्तेमाल चुनावों में होना था। इसके अलावा 23 करोड़ की शराब और 2 करोड़ रुपए कीमत की ड्रग पकड़ी है।
– खास बात यह है कि इस बरामदगी में एक ट्रेंड भी निकलकर रहा है। यूपी में सबसे ज्यादा नकदी और शराब पकड़ी गई है। जबकि पंजाब में करीब दो करोड़ की ड्रग पकड़ी गई है। पंजाब में ड्रग तो यूपी में कालाधन बड़ा मुद्दा है।
– कालाधन और नशीले पदार्थों पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग ने पांचों चुनावी राज्यों में जबरदस्त सर्च अभियान चला रखा है। करीब 200 लोगों की टीम गठित कर रखी है।
– टीम की निगरानी में चुनावी खर्च, नशे के इस्तेमाल और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रखी जा रही है।
– गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भी चुनाव आयोग ने बड़े पैमाने पर कालाधन पकड़ा था। देशभर से करीब 330 करोड़ रुपए इस तरह के सर्च अभियान में पकड़ा गया था। इनमें सर्वाधिक रुपए उत्तर प्रदेश में ही जब्त किया गया था।